गुरुग्राम-वेतन मांगने पर ड्राइवरों को मिली धमकी, हाथापाई का लगाया आरोप!

गुरुग्राम || नारेबाजी कर रहे यह लोग कोई और नहीं बल्कि शहर में डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने वाली कंपनी इकोग्रीन के ड्राइवर हैं। दरअसल, इन्हें पिछले चार महीने से वेतन नहीं मिला है। आरोप है कि आज जब इन ड्राइवरों ने वेतन दिए जाने की मांग की तो कंपनी के अधिकारियों व सुपरवाइजर पहले तो इन्हें धमकी देने लगे। जब यह लोग धमकी से नहीं डरे तो सुपरवाइजर ने एक ड्राइवर पर हाथ छोड़ दिया और उसे धक्का देकर गिरा दिया। गनीमत रही कि ड्राइवर को मामूली चोट लगी है।

गुरुग्राम || नारेबाजी कर रहे यह लोग कोई और नहीं बल्कि शहर में डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने वाली कंपनी इकोग्रीन के ड्राइवर हैं। दरअसल, इन्हें पिछले चार महीने से वेतन नहीं मिला है। आरोप है कि आज जब इन ड्राइवरों ने वेतन दिए जाने की मांग की तो कंपनी के अधिकारियों व सुपरवाइजर पहले तो इन्हें धमकी देने लगे। जब यह लोग धमकी से नहीं डरे तो सुपरवाइजर ने एक ड्राइवर पर हाथ छोड़ दिया और उसे धक्का देकर गिरा दिया। गनीमत रही कि ड्राइवर को मामूली चोट लगी है। इस बात से खफा होकर ड्राइवरों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी। ड्राइवरों का आरोप है कि वह पुलिस के पास शिकायत लेकर गए थे,लेकिन पुलिस ने उनकी सुनवाई नहीं की।

दरअसल डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन करने वाली कंपनी इकोग्रीन के ड्राइवरों को चार महीने से सेलरी नहीं मिली है। ड्राइवरों का कहना है कि सेलरी न मिलने के कारण उनके घर का गुजारा चलना मुश्किल हो गया है। मकानमालिक घर से बाहर निकालने की धमकी दे रहा है तो दुकानदारों ने उधार राशन देने से मना कर दिया है। ऐसे में उन्हें परेशानी हो रही है। वह कई बार अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन हर बार उन्हें वक्त दे दिया जाता है। अब भी उन्हें काफी दिनों से केवल तारीख दी जा रही है। वेतन मांगने पर धमकी दी जाती है।वहीं ड्राइवरों का कहना है कि कंपनी द्वारा उनका पीएफ भी जमा नहीं कराया जा रहा है। आज भी उन्होंने जब वेतन देने के लिए मांग उठाई तो उन्हें धमकी दी गई और गुंडे बुलाकर मारपीट कर कंपनी से बाहर निकालने की धमकी दी गई। एक ड्राइवर के साथ मारपीट को लेकर वह पटौदी रोड चौकी पुलिस के पास गए तो पुलिस ने उन्हें बहाना बनाकर भेज दिया और उनकी कोई शिकायत नहीं ली गई।

फिलहाल ड्राइवरों ने साफ कर दिया है कि वह अपना रुका हुआ वेतन लिए बिना काम पर नहीं लौटेंगे। वहीं, जब इस मामले में हमने इकोग्रीन के अधिकारियों से बात करने का प्रयास किया तो उन्होंने इस बारे में कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। अब देखना यह होगा कि नगर निगम की प्रमुख कंपनी इकोग्रीन के अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच चला आ रहा विवाद कब तक शांत होता है। इस विवाद का असली खामियाजा तो ड्राइवरों के साथ-साथ गुड़गांव की आम जनता को भुगतना होगा। घरों से कूड़ा न उठने के कारण लोगों के न केवल परेशानी होगी बल्कि शहर में एक बार फिर सड़क किनारे कूड़ा नजर आने लगेगा|