हनुमान जोहड़ी मंदिर में हवन एवं भंडारे के साथ हुआ 21 दिवसीय श्रीराम महायज्ञ का समापन

वा जागृति एवं जनकल्याण मिशन ट्रस्ट द्वारा स्थानीय हनुमान ढ़ाणी स्थित हनुमान जोहड़ी मंदिर में जारी 21 दिवसीय श्रीराम महायज्ञ का मंगलवार को हनुमान जन्मोत्सव पर हवन एवं भंडारे के साथ समापन हुआ। 21 दिवसीय हवन के दौरान नागरिकों को जल एवं पर्यावरण संरक्षण, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, संस्कृति व स्वच्छता अपनाओ तथा भोजन व्यर्थ ना करो सहित अन्य सामाजिक संदेश भी दिए गए। इस मौके पर मुख्य य यजमान के तौर पर मनसुख गर्ग पहुंचे। इस मौके पर बतौर मुख्यअतिथि विधायक घनश्याम सर्राफ पहुंचे। यह जानकारी देते हुए समाजसेवी रमेश सैनी ने बताया कि 21 दिवसीय श्रीराम महायज्ञ एवं सामाजिक संदेश कार्यक्रमों के दौरान सान्निध्य मंदिर के महंत बालयोगी चरणदास महाराज का रहा। उन्होंने बताया कि 21 दिवसीय कार्यक्रमोंं के दौरान रोजाना अलग-अलग सामाजिक संदेश नागरिकों को दिए गए, ताकि समाज के प्रति उनके कर्तव्य का बोध करवाया जा सकें।

भिवानी, 23 अप्रैल : युवा जागृति एवं जनकल्याण मिशन ट्रस्ट द्वारा स्थानीय हनुमान ढ़ाणी स्थित हनुमान जोहड़ी मंदिर में जारी 21 दिवसीय श्रीराम महायज्ञ का मंगलवार को हनुमान जन्मोत्सव पर हवन एवं भंडारे के साथ समापन हुआ। 21 दिवसीय हवन के दौरान नागरिकों को जल एवं पर्यावरण संरक्षण, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, संस्कृति व स्वच्छता अपनाओ तथा भोजन व्यर्थ ना करो सहित अन्य सामाजिक संदेश भी दिए गए। इस मौके पर मुख्य य यजमान के तौर पर मनसुख गर्ग पहुंचे। इस मौके पर बतौर मुख्यअतिथि विधायक घनश्याम सर्राफ पहुंचे। यह जानकारी देते हुए समाजसेवी रमेश सैनी ने बताया कि 21 दिवसीय श्रीराम महायज्ञ एवं सामाजिक संदेश कार्यक्रमों के दौरान सान्निध्य मंदिर के महंत बालयोगी चरणदास महाराज का रहा। उन्होंने बताया कि 21 दिवसीय कार्यक्रमोंं के दौरान रोजाना अलग-अलग सामाजिक संदेश नागरिकों को दिए गए, ताकि समाज के प्रति उनके कर्तव्य का बोध करवाया जा सकें। इस मौके पर मंदिर के महंत बालयोगी चरणदास महाराज ने कहा कि हवन एक प्राचीन धार्मिक रीति है, जो वेदों में उल्लिखित है। यह धार्मिक अनुष्ठान में अग्नि की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसका उद्देश्य देवताओं को यज्ञदान के माध्यम से प्रसन्न करना होता है और समस्त भलाई और सुख की प्राप्ति के लिए आशीर्वाद प्राप्त करना होता है। वही भंडारे का महत्व बताते हुए चरणदास महाराज ने कहा कि धार्मिक कार्य के अनुष्ठान पर भंडारे की परंपरा भारत में प्राचीन काल से चली आ रही है। हालांकि अब इसका स्वरुप बदल गया है। प्राचीन काल में यह अन्नदान के रुप में जाना जाता है। शास्त्रों में बताय गया है कि संसार में सबसे बड़ा दान अन्न दान है। अन्न से ही यह संसार बना है और अन्न से इसका पालन हो रहा है। अन्न से शरीर और आत्मा दोनों की ही संतुष्टि होती हैं। इसलिए अन्न दान सभी प्रकार के दान से उत्तम है। उन्होंने कहा कि पौराणिक शास्त्रों के अनुसार हम जिस चीज का दान करते हैं, परलोक में हमें वही वस्तुएं मिलती हैं, इसलिए हमें अधिक से अधिक दान करना चाहिए। इस मौके पर विधायक घनश्याम सर्राफ ने कहा कि भंडारे में सभी लोग आपसी मतभेद भुलाकर एक साथ भोज करते, इससे भाईचारे को भी मजबूती मिलती है। इस अवसर पर ध्यानदास महाराज, जैन चौक पुलिस चौकी इंचार्ज पवन कुमार, अभिषेक सिंह, पवन सैनी, पार्षद कविता सैनी, अमित गोयल, पर्यावरण प्रहरी विजय सिंहमार, विजय शर्मा कुंगड़, पुनीत शर्मा, जयप्रकाश, रामचंद्र, शमशेर सिंह, सुशील गुप्ता बबलू जांगड़ा, मनसुख गर्ग, अमित गाबा, विजय सैन, संजय गुप्ता, दयाराम शर्मा, डा.ओमबीर कौशिक, सुरेंद्र लोहिया, शिवकुमार चित्रकार सहित अनेक श्रद्धालु मौजूद रहे।