इंद्री में दुर्गा अष्टमी का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया |

इंद्री में दुर्गा अष्टमी का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया| इंद्री के देवी मंदिर में सुबह के समय मां भगवती की पूजा-अर्चना की गई|इस अवसर पर कंजको का पूजन भी किया गया | मंदिर में आरती करने के बाद माता के दर्शनों के लिए मंदिर को खोल दिया गया काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने माता के मंदिर में शीश नवाकर अपनी मनोकामना पूर्ण होने की दुआ मांगी | चैत्र नवरात्रों का विशेष ही महत्व है मंदिर के पुजारी मोहित शर्मा ने बताया कि इस दुर्गा अष्टमी के पर्व पर जहां-जहां पर भी माता भगवती के मंदिर हैं वहां पर श्रद्धालुगण जाकर कन्याओं का पूजन करते हैं व अपने मनोकामना पूर्ण होने की दुआ मांगते हैं | उन्होंने का आज समाज में कन्या भ्रूण हटाया की जा रही है तो एक तरफ हम कंजको का पूजन करते है इस तरह के पाप से नहीं करने चाहिए क्योकि कन्या एक देवी का रूप है | मंदिर सुधार सभा की और से दोपहर को भंडारे का आयोजन किया जायेगा |

इंद्री में दुर्गा अष्टमी का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया| इंद्री के देवी मंदिर में  सुबह के समय मां भगवती की पूजा-अर्चना की गई|इस अवसर पर कंजको का पूजन भी किया गया | मंदिर में  आरती करने के बाद माता के दर्शनों के लिए मंदिर को खोल दिया गया काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने माता के मंदिर में शीश नवाकर अपनी मनोकामना पूर्ण होने की दुआ मांगी |  चैत्र  नवरात्रों का विशेष ही महत्व है मंदिर के पुजारी मोहित शर्मा ने बताया कि  इस दुर्गा अष्टमी के पर्व पर जहां-जहां पर भी माता भगवती के मंदिर हैं वहां पर श्रद्धालुगण जाकर कन्याओं का पूजन करते हैं व अपने मनोकामना पूर्ण होने की दुआ मांगते हैं | उन्होंने का आज समाज में कन्या भ्रूण हटाया की जा रही है तो एक तरफ हम कंजको का पूजन करते है इस तरह के पाप से नहीं करने चाहिए क्योकि कन्या एक देवी का रूप है | मंदिर सुधार सभा की और से दोपहर को भंडारे का आयोजन किया जायेगा | 
मंदिर सुधार सभा के प्रधान पवन सिंगला ने कहा कि मंदिर सुधार सभा की ओर से जितने भी हमारे सनातन धर्म के त्यौहार है उनको बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस उपलक्ष में माता मनसा देवी के मंदिर में पिछले 8 दिनों से नवरात्रों का कार्यक्रम चला हुआ था आज अष्टमी के दिन विशेष रूप से सुबह पूजा अर्चना करने के बाद  कंजको का पूजन किया गया। दोपहर के समय एक विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा जिसमें हजारों की संख्या में लोग पहुंच कर माता रानी का प्रसाद ग्रहण करते हैं। उन्होंने कहा कि कल रामनवमी के दिन हनुमान मंदिर में सुबह के समय हवन होगा उसके बाद भजन कीर्तन का कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
 इसी प्रकार से होली, शिवरात्रि, हनुमान जयंती, रामनवमी व तीज का त्यौहार आदि जितने भी हमारे सनातन धर्म में त्यौहार आते हैं उनको इसी प्रकार से मिलजुल कर के सभी मानते हैं। इस प्रकार के कार्यक्रमों से जहां पर हमारा भाईचारा बढ़ता है वहीं पर धार्मिक कार्यक्रमों से हमारे विचार भी शुद्ध होते हैं।