माता पिता को बेघर मत करो माता पिता की सेवा करो!

हिसार के अनाज मंडी स्थित भूमि आश्रम ओल्ड ऐज होम में सिरसा रोड़ पर श्री  चैतन्या फयुचर पाथवे ग्लोबल स्कूल के बच्चों ने भ्रमण किया और स्कूल अध्यापकों स्कूल के बच्चों ने यहां रह रहे सत्तर से अधिक जरुरत मंद लोगो गर्म कंबल तथा मिटाईयां व फ्रूट वितरित किए गए। स्कूल की प्राचार्य श्रीमती सिरिसा ने कहा कि भूमि आश्रम में लोगों की मदद करके नेक कार्य कर रहा है ऐसे में सबकों मदद के हाथ उठाने चाहिए।

हिसार के अनाज मंडी स्थित भूमि आश्रम ओल्ड ऐज होम में सिरसा रोड़ पर श्री  चैतन्या फयुचर पाथवे ग्लोबल स्कूल के बच्चों ने भ्रमण किया और स्कूल अध्यापकों स्कूल के बच्चों ने यहां रह रहे सत्तर से अधिक जरुरत मंद लोगो गर्म कंबल तथा मिटाईयां व फ्रूट वितरित किए गए। स्कूल की प्राचार्य श्रीमती सिरिसा ने कहा कि भूमि आश्रम में लोगों की मदद करके नेक कार्य कर रहा है ऐसे में सबकों मदद के हाथ उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि स्कूल के बच्चों ने आकर यहां बहुत जानकारी हासिल की है और सीखा कि दूसरे की मदद से करने से दिल को कितना शुकुन मिलता है। स्कूल होस्टल प्रबंधक विवेकनंद गोस्वामी प्राचार्य स्कूल स्टाफ अपनी गाडियों में दौ से अधिक बच्चों के साथ स्कूल में पहुचे और यहां पर बच्चों ने अपने विचार सांझा किए। वही पढ़ने वाले  बच्चों ने कहा कि हमें यहां देखना को मिला और यही शिक्षा मिलती है अपने परिजनों की देखभाल करनी चाहिए और जरुरमंद लोगों की ज्यादा से ज्यादा मदद करनी चाहिए।

बच्चों ने कहा कि जीवन में अपने परिजनों के सुखी जीवन बिताना चाहिए। जो परिजन अपने परिजनों को रोड पर छोड़ देते उनकी देखभाल नही करते और गैर जिमेवारी से काम करते है ऐसा गैर कानूनी कार्य नही करना चाहिए बच्चों ने अपने सुझाव दिए कि लोगों को अपने बुर्जुगों की देखभाल करनी चाहिए। स्कूल के प्रबंधक विवेका नंद ने कहा कि  समाज में ऐसी भावना पैदा करनी चाहिए जिससे समाज सेवी भवना पैदा करनी चाहिए। यदि भविष्य में किसी की मदद करना चाहे तो दिल से उनकी मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यहां पच्चीस कंबल, पच्चीस लोई मेडीसन बडी ट्रे, यहां भूमि आश्रम में दी गई है। भूमि आश्रम के मुकेश ने कहा कि सभी बच्चो ने बुर्जगों के साथ अपनी खुशिया मनाई। बच्चों को यंहा संस्कार मिले है कि माता पिता को बेघर मत करो माता पिता की सेवा करो। इस मौके पर प्रंबधक मुकेश कुमार, आई आर मनीष चौहान, नेहा शर्मा  दलबीर, जयराम दास चावला, दलबीर वर्मा मौैजूद थे।