चीतों का इतिहास शुरु से लेकर अब तक, जानिए सारी जानकारी। P24 News

चीतों का इतिहास शुरु से लेकर अब तक, जानिए सारी जानकारी। P24 News

Delhi: (Rakesh Kumar ) || देश में 70 वर्ष बाद एक बार फिर से चीतों की दहाड़ सुनने को मिलेगी। साल 1952 में भारत से चीते पूरी तरह खत्म हो गए थे। इसके बाद इन्हें विलुप्त घोषित कर दिया गया था। और अब दक्षिण अफ्रीका के नामीबिया प्रांत से आठ चीते विशेष विमान से भारत लाए गए। पीएम नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन पर इन चीतों को नेशनल पार्क के क्वारंटाइन सेंटर भेजा। निर्धारित समय तक क्वारंटाइन रहने के बाद वह जंगल में छोड़ दिए जाएंगे। लेकिन इन सब के बीच क्या आपर जानते हैं कि इन चीतों का धरती पर इतिहास कितना पुराना है, आखिर किन-किन देशों में चीतों का वजूद बिल्कुल खत्म हो चुका है। दुनिया में अभी ऐसे कौन-कौन से देश हैं, जहां चीते आज भी मौजूद हैं। इस धरती पर चीते सबसे पहले कहां और कब नजर आए? चीतों का बिल्लियों से क्या रिश्ता है और भारत से चीते विलुप्त होने की वजह क्या थी ? तो चलिए हम आपको इन सारे सवालों का जवाब देते हैं. 

चीतों का इतिहास

हमारे वैज्ञानिकों के अनुसार चीते सबसे पहले हिमयुग में साउथ अफ्रीका में मायोसिन युग में आज से करीब 2.6 करोड़ वर्ष पहले देखे गए। इसके बाद धीरे-धीरे अफ्रीकी महाद्वीप से एशियाई महाद्वीप में इनका प्रवास शुरू हुआ। करीब 1.1 करोड़ वर्ष पहले एशिया में प्लायोसिन युग में इनकी मौजूदगी पाई गई। वैज्ञानिकों के अनुसार बिल्ली, चीता, बाग, तेंदुआ और शेर एक ही प्रजाति के प्राणी हैं। यानि चीता बिल्लियों के ही परिवार का सदस्य है। जिनमें समय-समय पर परिवर्तन होता रहा। जलवायु परिवर्तन के साथ ये सभी प्राणी अपने ठिकाने, जीने के तौर-तरीके बदलते रहे। साथ ही इनमें शारीरिक और आनुवांशिक परिवर्तन भी होते रहे। दुनियां में चीते की कई प्रजातियां है। वहीं बड़ी बिल्ली परिवार से संबंध रखने वाले कुछ चीतों को पांच करोड़ साल पहले व्यूत्पन्न माना जाता है। यानि जो किसी दूसरी जातियों से पैदा हुए। 

तो चलिए अब हम आपको चीते की प्रमुख प्रजातियों के बारे में बताते हैं


     दक्षिण अफ्रीकी चीते

  • 1.एसिनोनिक्स जुबेटस हेक-  इन्हें उत्तर पश्चिमी अफ्रीका के अल्जीरिया, मिस्र, माली, जिबूती, मोरक्को, मॉरीटानिया, ट्यूनीशिया, नाइजर, पश्चिमी सहारा और पश्चिमी अफ्रीका के बुर्किना, बेनिन, घाना, माली, नाइजर, सेनेगल, फासो, घाना, नाइजर में पाया जाता है।
  • 2.एसिनोनिक्स जुबेटस राइनल- इन्हें पूर्वी अफ्रीका के केन्या, तंजानियां, युगांडा और सोमालिया में पाया जाता है।
  • 3.एसिनो जुबेटस जुबेटस- इन्हें दक्षिण अफ्रीका के रिपब्लिक ऑफ द कांगो, अंगोला, बोत्सवाना, मोजाम्बिक, मलावी, दक्षिण अफ्रीका, तंजानिया, जाम्बिया, जिम्बाब्वे व नामीबिया में पाया जाता है।
  • 4.एसिनोनिक्स जुबेटस सोमेरिंगी- इन्हें केंद्रीय अफ्रीकाके चाड, सेंट्रल अफ्रीकी रिपब्लिक, कैमरून, इथियोपिया, नाइजर और नाइजीरिया व सूडान में पाया जाता है।

  • एशियाई चीते
  • एसिनोनिक्स जुबेटस वेनाटिकस-  इन्हें एशियाई महाद्वीप के भारत, ईरान, ईराक, इजरायल, अफगानिस्तान, जॉर्डन, ओमान, पाकिस्तान, चीन, सऊदी अरब, सीरिया और रूस जैसे देशों में पाया जाता है।

        अब हम आपको चीते से जुड़ी कुछ और बड़ी जानकारी के बारे में बताते हैं 

 

  • यह 125 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ने वाले धरती के सबसे तेज धावक हैं।
  • बड़ी बिल्ली की प्रजाति में आने वाले यह एक ऐसी प्रजाति है, जो बदले वातावरण को जल्दी स्वीकार नहीं करते।
  • यह हिरण, खरगोश, जेब्रा इत्यादि का शिकार करते हैं।
  • मौजूदा वक्त में पूरी दुनिया में 7000 चीते हैं।
  • 4500 चीते अकेले साउथ अफ्रीका में हैं।  

      भारत से क्यों विलुप्त हो गए चीते ?


इस प्रश्न पर बताया जाता है कि भारत में करीब 450 वर्ष पहले तक 1000 से भी अधिक चीते जीवित थे। मगर धीरे-धीरे जलवायु परिवर्तन के कारण और जंगलों के कम होने से इन्हें पर्याप्त शिकार नहीं मिल पाते थे। इसलिए इनकी कमी होने लगी। अकबर के शासन काल में चीतों को कैद करने का चलन शुरू हुआ। इस दौरान भी इनकी संख्या घटी। बाकी चीतों को शिकारियों ने मार दिया। वर्ष 1947 में भारत में