फ़ाज़िलपुरिया कांग्रेस और भाजपा पर कसा तंज

गड़गाव लोकसभा सीट से जननायक जनता पार्टी के उम्मीदवार राहुल यादव फ़ाज़िलपुरिया ने जनसंपर्क कार्यक्रम के तहत करीब डेढ़ दर्जन जगहों पर दौरे किए और 25 मई को चाबी के निशान वाले बटन को दबा के अपने इलाके की आवाज़ को संसद तक पहुँचाने की अपील की। राहुल फ़ाज़िलपुरिया ने कहा कि गुडगाँव की जनता ने बदलाव का मन बना लिया है। अब बदलाव होकर रहेगा। जनता का सन्देश साफ़ है कि काम करोगे तो वोट मिलेगा और काम करने के लिए क्षेत्र में आना पड़ेगा । गुडगाँव की जनता नेता चुनेगी, राजा नहीं।

गड़गाव लोकसभा सीट से जननायक जनता पार्टी के उम्मीदवार राहुल यादव फ़ाज़िलपुरिया ने जनसंपर्क कार्यक्रम के तहत करीब डेढ़ दर्जन जगहों पर दौरे किए और 25 मई को चाबी के निशान वाले बटन को दबा के अपने इलाके की आवाज़ को संसद तक पहुँचाने की अपील की। राहुल फ़ाज़िलपुरिया ने कहा कि गुडगाँव की जनता ने बदलाव का मन बना लिया है। अब बदलाव होकर रहेगा। जनता का सन्देश साफ़ है कि काम करोगे तो वोट मिलेगा और काम करने के लिए क्षेत्र में आना पड़ेगा । गुडगाँव की जनता नेता चुनेगी, राजा नहीं। उन्हें अपने महलों से बाहर निकलना पड़ेगा। हालाँकि जनता ने उन्हें घर से बाहर निकलने पर मजबूर कर दिया है।  जल्दी ही जनता उन्हें कुर्सी से उतार कर सत्ता से भी बाहर कर देगी। महलों में बैठे बैठे तो वोट नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि आप गुडगाँव की जनता को मुद्दों से भटकाने की कितनी ही कोशिश क्यों न कर लें, जनता तो पूछेगी ही कि अस्पतालों में अच्छी व्यवस्था क्यों नहीं हो रही? गुडगाँव को कूड़े के पहाड़ से कब छुटकारा मिलेगा? वो चाहते है कि गुडगाँव के बच्चों को भी उतनी ही अच्छी शिक्षा सरकारी स्कूलों में मिले, जिनके लिए प्राइवेट स्कूल लाखों का डोनेशन लेते हैं। राहुल ने कहा कि कुर्सी वाले दरअसल ये चाहते ही नहीं हैं कि गुडगाँव की जनता शिक्षित हो जाए क्योंकि अगर जनता शिक्षित और जागरूक हो जाएगी तो सवाल पूछेगी ।फ़ाज़िलपुरिया ने कहा कि मुझे हार जीत से फर्क नहीं पड़ेगा। क्योंकि वो केवल पांच साल की राजनीति करने नहीं आए हैं। राहुल फ़ाज़िलपुरिया ने ख़ुद को गुड़गाँव की मिट्टी का बना हुआ बताते हुए कहा कि वो एक सामान्य परिवार से आते हैं किसी राजे रजवाड़े से नहीं आते। उन्होंने बचपन में ये सारी परेशानियाँ देखी हुई हैं। इसलिए वो ये नहीं चाहते कि गुडगाँव की जनता को भी इन परेशानियों का सामना करना पड़े। फ़ाज़िलपुरिया ने कहा कि मैं इतनी लगन के साथ काम करूँगा कि आपको ऐसा लगेगा कि आप मुझे नहीं ख़ुद को चुन के संसद में भेज रहे हैं।जनता के बीच जाकर उनसे बातचीत करने का ये तरीका इलाके के लोगों को ख़ासा पसंद आ रहा है। लोगों का कहना है कि मौजूदा सांसद ने अपने पूरे कार्यकाल के दौरान जनता के बीच आकर उनसे इस तरह बातचीत कभी नहीं की।