गुरुजी अकादमी में साइबर पुलिस भिवानी द्वारा जागरूकता दिवस मनाया गया

शॉपिंग से लेकर बिल भरने तक बैंक से जुड़े भी कई काम करने में हम ऑनलाइन मोबाइल, लैपटाप या अन्य डिवाइस का प्रयोग करते है। लेकिन इस डिजिटल युग में सक्रिय साईबर अपराधी साइबर अपराध करने के नए-नए तरीके अपना रहे है। साईबर अपराधियों द्वारा जाल मे फंसाने के लिये आसान तरीके से पैसे कमाने का लालच दिया जाता है।

भिवानी || जैसे-जैसे जमाना डिजिटल तकनीकों की ओर बढ़ रहा है। वैसे ही साइबर अपराधी डिजिटल तकनीकों का प्रयोग करके ऑनलाइन फ्रॉड कर आमजन को ठगने का काम करते हैं। इस ठगी से कैसे बचा जाए और यदि कोई अनजाने में ठगी का शिकार हो भी जाता है तो ऐसे में क्या करें. इसी को लेकर आज बुधवार को गुरुजी अकादमी में साइबर पुलिस भिवानी द्वारा जागरूकता दिवस मनाया गया। छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन होने वाले फ्रॉड और इससे बचने के तरीके बताए गए। जानकारी देते हुए साइबर थाना प्रभारी ने बताया कि डिजिटल क्रांति के इस युग में हमारा ज्यादातर काम ऑनलाइन हो गया है या फिर हम अपने मनोरंजन के लिए इंटरनेट यूज करते रहते है। शॉपिंग से लेकर बिल भरने तक बैंक से जुड़े भी कई काम करने में हम ऑनलाइन मोबाइल, लैपटाप या अन्य डिवाइस का प्रयोग करते है। लेकिन इस डिजिटल युग में सक्रिय साईबर अपराधी साइबर अपराध करने के नए-नए तरीके अपना रहे है। साईबर अपराधियों द्वारा जाल मे फंसाने के लिये आसान तरीके से पैसे कमाने का लालच दिया जाता है। उससे अपने अकाउंट में पैसे डलवाए जाते हैं और पैसे जब तक सैकड़ों में होते हैं तो कमीशन जोड़कर वापस देते हैं। लेकिन जैसे ही रकम हजारों में चली जाती है तो ठगो द्बारा ठगना शुरू कर दिया जाता है।  
प्रभारी  विकास कुमार ने बताया कि ठगी के नये तरीके के अनुसार आसान तरीके से पैसे कमाने के मैसेज के साथ एक लिंक भेजा जाता है जैसे लिंक पर क्लिक किया जाता है तो वाट्सएप पर मैसेज आता है। फिर उसके वाट्सएप पर लिंक भेजकर उसपर क्लिक करके रजिस्टर्ड होने के लिये उकसाया जाता है। व्यक्ति द्बारा जैसे ही रजिस्ट्रेशन किया जाता है तो उसके अकाउंट में 100 रुपये भेजे जाते हैं। उसके बाद उसे कहा जाता है कि अगर वह आगे भी उनका बताया टास्क पूरा करेंगे तो उन्हें कमीशन के तौर पर पैसे मिलेंगे। जब व्यक्ति ठगो के अकाउंट में और रुपए भेजता है तो उसके खाते में और ज्यादा रुपए आते हैं। इस प्रकार शुरुआत में ठग थोडे-थोडे करके उसके पास रुपये भेजते हैं लेकिन बाद में उसके साथ ठगी का खेल खेला जाता है और उसके खाते से लाखो रुपये हड़प लिये जाते हैं। उन्होंने इस ठगी से बचने के तरीकों के बारे में छात्र-छात्राओं को अवगत करवाया तथा जागरूक किया गया.

उन्होंने आमजन से अपील करते हुए प्रबंधक थाना साईबर क्राईम भिवानी ने कहा कि अगर सावधानी या सतर्कता रखने के बावजूद भी आपके साथ किसी प्रकार का साईबर फ्रॉड हो जाता है तो घबराएं नहीं। बल्कि तुरंत साईबर धोखाधड़ी होने पर शिकायत साईबर हेल्प डेस्क नंबर 1930, अपने बैंक तथा नजदीकी पुलिस स्टेशन में दें और साईबर क्राइम पोर्टल cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत रजिस्टर्ड कराए।
पीड़ित व्यक्ति जब 1930 पर काल करता है तो वहां कार्यरत कर्मचारी द्वारा डिटेल्स पूछी जाती है तो पीड़ित हडबडाहट में पूर्ण डिटेल्स नही देता और फोन काट देता है ऐसे मे आपकी शिकायत अधूरी रह जाती है। 1930 पर काल करने से पहले आपको पीडित का नाम, मोबाईल नंबर, निकटतम पुलिस स्टेशन, जिला, बैंक का नाम, डेबिट राशि, खाता संख्या/वॉलेट मर्चेंट, यूपीआई आईडी जिससे राशि डेबिट की गई है, धोखाधड़ी कैसे हुई इसका संक्षिप्त विवरण का पता होना चाहिए। ये सब डिटेल्स देने के बाद आपकी शिकायत दर्ज होगी तथा आपके पैसे का दुरुपयोग होने से बचाव होगा।