दीनबंधु सर चौ. छोटूराम की जयंती पर कार्यक्रम को रद्द करवाने के विरोध में उतरे पिछड़ा वर्ग लोग!

भिवानी || एक तरफ तो भाजपा सरकार देश के महापुरूषों के सम्मान की बात कहती है, वही दूसरी तरफ युवा पीढ़ी को देश के महापुरूषों के आदर्शो से अवगत करवाने के लिए उनकी जयंती पर आयोजित कार्यक्रम को रद्द करवाकर महापुरूषों का अपमान करती है।

भिवानी || एक तरफ तो भाजपा सरकार देश के महापुरूषों के सम्मान की बात कहती है, वही दूसरी तरफ युवा पीढ़ी को देश के महापुरूषों के आदर्शो से अवगत करवाने के लिए उनकी जयंती पर आयोजित कार्यक्रम को रद्द करवाकर महापुरूषों का अपमान करती है। बीते दिन हिसार के राखीगढ़ी में भी ऐसा ही हुआ, जहां वामसेफ द्वारा दीनबंधु सर चौ. छोटूराम की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम को भाजपा व आरएसएस के इशारे पर प्रशासन द्वारा इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया, जबकि इस कार्यक्रम की अनुमति पहले ही ली जा चुकी थी। इस कार्यक्रम को रद्द किए जाने के विरोध में पिछड़ा वर्ग लोगों में भारी रोष है।

 इसी कड़ी में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा व दीनबंधु सर चौ. छोटूराम विचार मंच के आह्वान पर शुक्रवार को प्रदेश भर के जिला व मंडल स्तर पर एक दिवसीय जेल भरो आंदोलन किया गया। इसी कड़ी में स्थानीय लघु सचिवालय के के समक्ष भी पिछड़ा वर्ग के लोग एकत्रित हुए तथा भाजपा सरकार, आरएसएस व  नारनौंद प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जेलभरो आंदोलन में हिस्सा लिया। इस मौके पर प्रदर्शनकारियों ने संविधान विरोधी कार्य करने पर एसडीएम नारनौंद को बर्खास्त करने की भी मांग उठाई।

इस मौके पर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश प्रजापति ने कहा कि वामसेफ द्वारा आयोजि किए जाने वाला कार्यक्रम राजनीति से कोसो दूर था, लेकिन फिर भी प्रशासन ने शांति भंग होने का तर्क देते हुए इस कार्यक्रम को रद्द कर पिछड़ा वर्ग विरोधी होने का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग के लोग सरकार की पिछड़ा वर्ग विरोधी मंशा को समझने लगे है तथा भाजपा व आरएसएस को डर सताने लगा है कि यदि पिछड़ा वर्ग के लोक एकत्रित हुए तो उन्हे सत्ता से बाहर करने का काम करेगे। इसी डर के चलते भाजपा व आरएसएस के इशारे पर यह कार्यक्रम रद्द करवाया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि एक विशेष समुदाय के लोगों की सिफारिश पर ये कार्यक्रम रद्द करवाया गया है, जो कि सरासर संविधान के अनुच्छेद-19 का उल्लंघन है।

इस मौके पर बहुजन क्रांति मोर्चा के जिला संयोजक सतीश मेहरा ने कहा कि सरकार व प्रशासन अब संविधान के विपरीत चलकर पिछड़ा वर्ग के लोगों की आवाज को भी दबाना चाहती है, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने अपनी यह सोच नहीं बदली तो आने वाले चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।