बिलासपुर - सीमा ठाकुर आज बस चालक बन कर महिलाओ के लिए एक मिसाल बन चुकी है!

बिलासपुर || हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम में एकमात्र महिला बस चालक सीमा ठाकुर से अपने दम पर समाज में एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। इनके पिता एचआरटीसी में ड्राइवर थे, तो पिता के नक्शे कदम पर चल कर समाज की विचारधारा को बदलने की सीमा ने ऐसी ठानी कि अब वह हिमाचल प्रदेश परिवहन निगम में वाॅल्वो सेल की अनुभवी और गुणी महिला चालक है।

बिलासपुर || हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम में एकमात्र महिला बस चालक सीमा ठाकुर से अपने दम पर समाज में एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। इनके पिता एचआरटीसी में ड्राइवर थे, तो पिता के नक्शे कदम पर चल कर समाज की विचारधारा को बदलने की सीमा ने ऐसी ठानी कि अब वह हिमाचल प्रदेश परिवहन निगम में वाॅल्वो सेल की अनुभवी और गुणी महिला चालक है। जब सीमा के माता रेवती ठाकुर बिलासपुर में बैंक में नौकरी करते थे तो सीमा ने बाबा नाहर सिंह मंदिर में चालक बनने की मन्नत मांगी थी तथा स्वेच्छा से मन्नत पूरी होने पर भंडारे का आयोजन करना भी स्वीकार किया था। मंगलवार को अपनी मन्नत पूरी होने पर सीमा ने विशाल भंडारे का आयोजन किया तथा बीती रात भव्य कीर्तन का भी आयोजन किया। इस भंडारे में हजारों लोगों ने मंडयाली धाम का प्रसाद ग्रहण किया। इनके पिता स्वर्गीय बलि राम ठाकुर मूलत अर्की निवासी जिला सोलन एचआरटीसी में चालक थे। उन्हीें हो देखकर सीमा के मन में भी यह लालसा जागी कि वह बस चलाएगी।

राजधानी शिमला में पली बढ़ी सीमा ठाकुर एम इंग्लिश है। यह चाहती तो कोई और क्षेत्र भी चुन सकती थी, लेकिन बचपन से ही कुछ हटकर करने के लिए बनी सीमा आज एचआरटीसी के हर प्रकार के वाहन को चलाने में सक्षम हैं। हिमाचल प्रदेश के सबसे कठिन, दुर्गम एवं जटिल रोड़ टापरी, रोहड़ू और रामपुर आदि की सर्पीली सड़कों पर वाॅल्वो को जब सीमा ठाकुर अपने हौंसलों से नापती हैं तो यह सड़कें सहज ही सीमा के आगे घुटने टेक देती हैं जबकि गाड़ी में बैठी सवारियां और इसे देखने वाले दांतो तले उंगली दबा लेते हैं। इस दौरान सीमा ठाकुर ने कुछ क्षण बात हुई तो उन्होंने खुलासा किया कि एचआरटीसी की बस चलाना उनके लिए एक महज नौकरी न होकर जुनून रहा है। इसके लिए हर प्रकार के टैस्ट पास कर शिमला तारादेवी, मंडी में चालक की ट्रेनिंग हासिल की। अब रामपुर से दिल्ली, रोहड़ू से दिल्ली, टापरी आदि स्थानों पर वे वाॅल्वो लेकर अपने हुनर के हस्ताक्षर कर चुकी हैं। बहरहाल, वर्तमान में हर हिमाचल की प्यारी बेटी बन चुकी सीमा ठाकुर का कहना है कि बेटियां अपना लक्ष्य का निर्धारण करें और फिर दाएं बाएं न देखते हुए उसे प्राप्त करने के लिए जी जान लड़ा दें।