गुरुग्राम का उद्योग विहार बना डंपिंग स्टेशन

नगर निगम के तमाम अधिकारियों को शिकायत करने के बावजूद भी अभी तक इसका कोई समाधान नहीं हुआ हैं। कमरों में बैठकर अधिकारी अपनी नीतियों का बखान करते हैं लेकिन धरातल पर जिस तरह से कूड़े के ढेर लग रहे हैं उससे एक बड़ा सवाल उठता है कि आखिरकार गुरुग्राम नगर निगम स्वच्छता अभियान को बढ़ावा दे रहा है या फिर स्वच्छता अभियान के नाम पर शहर की सुंदरता पर कालिख पहुंचकर अपनी जेब भर रहा हैं।

गुरुग्राम || हरियाणा सरकार को सबसे ज्यादा रेवेन्यू देने वाला और सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र गुरुग्राम का उद्योग विहार आज डंपिंग स्टेशन बन चुका है। उद्योग विहार फेस वन पर सड़क पर लगे कूड़े के ढेर स्वच्छता अभियान पर कालिख पोता हुआ नगर निगम का असली चेहरा जाहिर करता हैं। गुरुग्राम का उद्योग विहार एक बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है और कई मल्टीनेशनल कंपनियां यहां बनी हुई है। गारमेंट्स का एक बड़े स्तर पर यहां काम किया जाता है। लेकिन पिछले कुछ सालों से इस औद्योगिक क्षेत्र को नगर निगम गुरुग्राम के अधिकारियों ने इसे डंपिंग स्टेशन बना दिया है। कापासेड़ा और नेशनल हाईवे से उद्योग विहार को जोड़ने वाला मुख्य रास्ता पूरी तरह से कूड़े के ढेर में तब्दील हो चुका है। यहां से वाहनों से तो निकलना दूर की बात पैदल भी निकलना मुश्किल हैं। कूड़े के ढेर से निकलती हुई बदबू दूर-दूर तक कंपनियों में लोगों को परेशान कर रही हैं। उद्योग विहार फेस वन में रोजाना करीब 40 से 50 ट्रक रोजाना यहाँ कूड़े के डाले जाते है जिससे कूड़े का पहाड़ यहां लग चूका है। कूड़े से निकलने वाली कीचड़ और बदबू आसपास की कंपनियों में काम करने वाले लोगों के लिए किसी नर्क से कम नहीं हैं। 

उद्योग नगर में स्थित मल्टीनेशनल कंपनियों में बड़े स्तर पर विदेशों में भी व्यापार चलता है जिससे यहां विदेशों से आने वाले लोगों की भी संख्या बड़ी होती है।  लेकिन कूड़े के स्टेज ने हालात यह पैदा कर दिए हैं कि यहां आने वाले लोगों के लिए मुसीबत बना कूड़ा कंपनियों को बंद करने की कगार पर पहुंचा रहा है। नगर निगम के तमाम अधिकारियों को शिकायत करने के बावजूद भी अभी तक इसका कोई समाधान नहीं हुआ हैं। कमरों में बैठकर अधिकारी अपनी नीतियों का बखान करते हैं लेकिन धरातल पर जिस तरह से कूड़े के ढेर लग रहे हैं उससे एक बड़ा सवाल उठता है कि आखिरकार गुरुग्राम नगर निगम स्वच्छता अभियान को बढ़ावा दे रहा है या फिर स्वच्छता अभियान के नाम पर शहर की सुंदरता पर कालिख पहुंचकर अपनी जेब भर रहा हैं। लाखों करोड़ों रुपए एक कंपनियां अपनी सफाई के लिए नगर निगम को देती है लेकिन उसके बावजूद भी हालात इस कदर बनाए हैं कि आज इन लोगों को सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करना पड़ रहा हैं। एक तरफ जी-20 की बैठक में विदेशी निवेश को बढ़ावा देने की बात की जाती है तो दूसरी तरफ हरियाणा के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र में हालात यह बनाए हैं। कूड़े के ढेरों को देखकर ऐसे लगता है कि जहां साइबर सिटी गुरुग्राम एक अपनी अलग पहचान रखता हैं। लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते गुरुग्राम की सूरत बदसूरत बनती जा रही है।