उड़नपरी दादी रामबाई का विदेश में खेलने का सपना

बुजुर्ग दादी रामबाई ने बताया कि वह आज भी स्वस्थ्य है और अपना कार्य स्वयं करती हैं। वह खेतों के कच्चे रास्तों पर प्रेक्टिस भी करती हैं। नातिन ने उसका पासपोर्ट भी बनवा दिया है। सरकार अगर मदद करें तो वह विदेश में खेलकर देश को गोल्ड मेडल जीतकर ला सकती हैं।

चरखी दादरी || उड़नपरी दादी के नाम से विख्यात 106 वर्षीय रामबाई दौड़ में जहां दौड़ में वर्ल्ड रिकार्ड बना चुकी है वहीं चार साल के दौरान नेशनल स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाते हुए मेडलों का शतक लगा चुकी है। हालांकि रामबाई का दर्द सामने आया, कहा कि सरकार से मदद मिलती है तो वह जीवन के अंतिम पड़ाव में विदेशी धरती पर गोल्ड लाने का मन में सपना संजोये है। विदेश में खेलने की मन में तमन्ना लिए रामबाई ने पासपोर्ट भी बनवाया लिया है।

बता दें कि चरखी दादरी के गांव कादमा निवासी 106 वर्षीय रामबाई ने करीब चार वर्ष पहले बुजुर्गों को दौड़ते देखा तो खेतों के कच्चे रास्तों पर दौड़ लगानी शुरू कर दी। नानी को खेतों में दौड़ते नातिन शर्मिला ने दादी की प्रतिभा को पहचाना और उसकी अच्छी तैयारी करवाते हुए खेल के मैदान में उतारा। रामबाई की मेहनत रंग लाई और पहले ही प्रयास ने स्टेट लेवर पर मेडल जीत लिया। इसके बाद से रामबाई ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और देखते ही देखते मेडलों का शतक बना दिया। रामबाई ने पिछले वर्ष वर्ष वडोदरा में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की एथलेटिक्स चैंम्पियनशिप में 100 मीटर दौड़ नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था। जिसके बाद से रामबाई उड़नपरी दादी के नाम से मशहुर हो गई। रामबाई ने पिछले दिनों अपनी तीन पीढ़ियों के साथ हरिद्वार व देहरादून में नेशनल स्तर पर प्रतियोगिता की 100 व 200 मीटर की दौड़ में दो गोल्ड जीते हैं। वहीं उसकी बेटी, पुत्रवधु और नातिन ने भी तीन मेडलों पर कब्जा किया। अब रामबाई विदेशी धरती पर देश के लिए मेडल लाना चाहती है।

मेडलों का बनाया शतक, विदेशी मैदान में उतरने की तमन्ना

रामबाई के बेटे महेंद्र सिंह ने बताया कि उसकी माता 106 साल की हो गई है। अनेक प्रदेश व नेशनल स्तर पर प्रतिस्पर्धाओं में सैंकड़ों मेडल जीते हैं। पिछले वर्ष तो माता ने वर्ल्ड रिकार्ड भी बनाया था। आज भी वह अपना कार्य स्वयं कर रही हैं और विदेशी मैदान में उतरने की उनकी तमन्ना है। माता की उपलब्धियों को देखते हुए अनेक संगठनों द्वारा सम्मानित भी किया गया है।

युवाओं की प्रेरणा बनी दादी रामबाई

जिला पार्षद प्रतिनिधि अशोक थालौर व बेदकौर ने कहा कि गांव की 106 वर्षीय दादी ने अपनी प्रतिभा दिखाकर देशभर में गांव व क्षेत्र का नाम रोशन किया है। दादी अब युवाओं की प्रेरणा स्त्रोत बन गई है। दादी को खेतों में दौड़ते देख युवा भी मैदान में उतर रहे हैं।