भिवानी गौरक्षकों ने नगर परिषद कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर लगाया प्रश्रचिह्न!

भिवानी || घायल जानवरों के ईलाज का दम भरने वाले नगर परिषद की उदासीनता एक बार फिर देखने को मिली, जहां नगर परिषद ठेकेदार द्वारा अपनी ड्यूटी में कोताही बरतने पर एक नंदी को अपनी जान गंवानी पड़ी। जिसके विरोध में शुक्रवार को गौरक्षा दल भिवानी के प्रधान संजय परमार के नेतृत्व में गौरक्षक एक बार फिर से सडक़ों पर उतरे तथा नंदी के शव को लेकर स्थानीय नगर परिषद कार्यालय के समक्ष धरना देकर जमकर नारेबाजी की। गौरक्षा दल भिवानी के प्रधान संजय परमार ने आरोपी ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सिटी थाना एसएचओ के नाम शिकायत भी लिखी।

भिवानी || घायल जानवरों के ईलाज का दम भरने वाले नगर परिषद की उदासीनता एक बार फिर देखने को मिली, जहां नगर परिषद ठेकेदार द्वारा अपनी ड्यूटी में कोताही बरतने पर एक नंदी को अपनी जान गंवानी पड़ी। जिसके विरोध में शुक्रवार को गौरक्षा दल भिवानी के प्रधान संजय परमार के नेतृत्व में गौरक्षक एक बार फिर से सडक़ों पर उतरे तथा नंदी के शव को लेकर स्थानीय नगर परिषद कार्यालय के समक्ष धरना देकर जमकर नारेबाजी की। गौरक्षा दल भिवानी के प्रधान संजय परमार ने आरोपी ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सिटी थाना एसएचओ के नाम शिकायत भी लिखी। बता दे कि नगर परिषद द्वारा पिछले दिनों जारी किए गए हैल्पलाईन नंबर में भी इसी ठेकेदार का नंबर दिया गया था।इस बारे में जानकारी देते हुए गौरक्षा दल भिवानी के प्रधान संजय परमार ने बताया कि शुक्रवार सुबह उन्हे सूचना मिली कि बावड़ी गेट पर एक नंदी बीमार अवस्था में पड़ा है। जिसके बाद वे मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि नंदी की हालत गंभीर होने के चलते उन्होंने पशुओं को उठाने वाले ठेकेदार को फोन किया, लेकिन उक्त ठेकेदार द्वारा गाडी खराब होने की बात कहकर फोन काट दिया। जिसके कुछ देर बाद वही गाड़ी तोशाम बाईपास पर सडक़ पर चलती हुई देखी गई। परमार ने कहा कि नगर परिषद के ठेकेदार द्वारा बोले गए झूठ व कार्य में कोताही की वजह से एक नंदी तड़प-तड़प कर जान गंवा दी। जिसके विरोध में उन्होंने नंदी के पार्थिव शरीर को लेकर नगर परिषद कार्यालय के बाहर धरना दिया है।

 गौरक्षक संजय परमार ने कहा कि नगर परिषद की इसी कार्यप्रणाली से परेशान होकर करीबन डेढ़ पहले भी गौरक्षकों ने धरना दिया था तथा नगर परिषद चेयरपर्सन प्रतिनिधि भवानी प्रताप ने कार्यप्रणाली में सुधार किए जाने का आश्वासन दिया था तथा नप की पशु एंबुलैंस को ठीक करवाने का भी वायदा किया था। लेकिन अब भी स्थिति ज्यो की त्यो की है। उन्होंने कहा कि नगर परिषद की एंबुलैंस ठीक होती तो इस नंदी की जान बचाई जा सकती थी। नगर परिषद के अधिकारियों कर्मचारियों की ढ़ीली व लापरवाह कार्यशैली के चलते बेजुबान जानवर दम तोड़ रहे है, जबकि उनके पास सभी सुविधाएं उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि शहर में घायल या बीमार पशुओं को उठाने का कार्य नगर परिषद का है, लेकिन पिछले कई वर्षो से यह कार्य गौरक्षक अपने दम पर कर रहे है, इसके बावजूद भी पशु एंबुलैंस को ठीक ना करवाकर नगर परिषद बेजुबान जानवरों से अन्याय कर रहा है। उन्होंने कहा कि अब जब तक बेजुबान घायल जानवरों के ईलाज का ठोस आश्वासन व आरोपी ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती, वे धरने से पीछे नहीं हटेंगे।