वल्र्ड कॉलेज छात्रोंने किया आंदोलन नहीं मिली इच्छा मृत्यू की इजाजत,खुद की निकाली शवयात्रा

आंदोलनकारियों के इस अनोखे प्रदर्शन का हिस्सा स्वयं आशा वर्करर्ज भी बनी। काफी तादाद में जिले भर की आशा वर्करज आंदोलनकारी छात्रों के इस प्रदर्शन में शामिल होने के लिए पहुंची। आंदोलनकारी छात्रों ने एक अर्थी भी बनाई और उसे अपने कांधे पर उठाकर शहर भर में प्रदर्शन करते हुए उसे वापिस अपने धरनास्थल पर ही आकर समाप्त किया।

वल्र्ड कॉलेज छात्रोंने किया आंदोलन नहीं मिली इच्छा मृत्यू की इजाजत,खुद की निकाली शवयात्रा

पिछले कई दिनों से शासन,प्रशासन व कॉलेल प्रबन्धन के खिलाफ मोर्चा खोलकर बैठे गिरावड़ गांव के वल्र्ड कॉलेज के आंदोलनकारी छात्र-छात्राओं ने बुधवार कोअपने विरोध का एक अन्य तरीका अपनाया। आंदोलनकारी जहां पिछले कई दिनों से शासन,प्रशासन के अलावा देश के महामहिम राष्ट्रपति व सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेज कर इच्छा मृत्यू दिए जाने की इजाजत मांग रहे थे,वहीं उन्होंने रविवार को विरोध का एक दूसरा तरीका अपनाते हुए खुद की ही शव यात्रा निकाली। आंदोलनकारियों के इस अनोखे प्रदर्शन का हिस्सा स्वयं आशा वर्करर्ज भी बनी।काफी तादाद में जिले भर की आशा वर्करज आंदोलनकारी छात्रों के इस प्रदर्शन में शामिल होने के लिए पहुंची। आंदोलनकारी छात्रों ने एक अर्थी भी बनाई और उसे अपने कांधे पर उठाकर शहर भर में प्रदर्शन करते हुए उसे वापिस अपने धरनास्थल पर ही आकर समाप्त किया। इस दौरान आंदोलनकारियों ने न सिर्फ कॉलेज प्रबन्धन बल्कि शासन व प्रशासन के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की। इस दौरान मीडिया के रूबरू हुए आंदोलनकारी छात्र-छात्राओं ने बताया कि वह अपनी मांगों को लेकर पिछले दस रोज से शहर के पंडित श्रीराम शर्मा पार्क में धरने व आमरण अनशन पर बैठे है। इस दौरान कई छात्र व छात्राओं की हालत भी बिगड़ चुकी है। जिनमें से एक दो छात्र अभी भी शहर के नागरिक अस्पताल में उपचाराधीन है। लेकिन इन सबके बावजूद भी न तो कॉलेज प्रबन्धन का ओर न ही शासन व प्रशासन का मन पसीजा। उन्हें लग यहीं रहा है कि उनकी आत्मा तो मर चुकी है अब सिर्फ उनकी डैड-बाड़ी ही शेष बची हुई है। जिसके चलते ही उन्होंने अपनी डैड-बाड़ी की शवयात्रा निकाली है। आखिर क्या है मामला: बता दें कि झज्जर-सांपला मार्ग पर स्थित गांव गिरावड़ के वल्र्ड कॉलेज के दर्जनों छात्र-छात्राएं कॉलेज प्रबन्धन के खिलाफ शहर के श्रीराम शर्मा पार्क में आमरण अनशन पर बैठे हुए है।

 इस दौरान न सिर्फ सत्तापक्ष के बल्कि विपक्षी पार्टियों के राजनेता भी आंदोलनकारियों के बीच पहुंचे। लेकिन इन सबके बावजूद भी छात्रों की समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ। छात्रों की समस्या है कि वह साल 2016 के बैच में निट क्वालिफाई कर वल्र्ड कॉलेज में दाखिल हुए थे। लेकिन कॉलेज में न तो कोई लैब की सुविधा है और न ही उन्हें मैडिकल की पढ़ाई कराने वाले टीचर है। जबकि वह समय पर अपनी फीस अदा कर चुके है