शहरी प्रतिभाओं को रोजगार से जोडऩे की अनूठी मूहिम शुरू

शहरी क्षेत्र के जरूरतमंद परिवारों को कुशल रोजगार के अवसरों को उत्पन्न करने के उद्देश्य से आवास एवं शहरी गरीबी अपसमन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन अब देश में शहरी आबादी के लिए वरदान साबित हो रहा है।

शहरी प्रतिभाओं को रोजगार से जोडऩे की अनूठी मूहिम शुरू

Bhiwani (Ankit Thakur ) || शहरी क्षेत्र के जरूरतमंद परिवारों को कुशल रोजगार के अवसरों को उत्पन्न करने के उद्देश्य से आवास एवं शहरी गरीबी अपसमन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन अब देश में शहरी आबादी के लिए वरदान साबित हो रहा है। इस योजना के तहत 18 से 35 आयु वर्ग की शहरी महिलाओं को जिनकी आय दो लाख से कम है या बीपीएल परिवार से संबंध रख रही है, उन्हे 720 घंटे का प्रशिक्षण देकर फैशन डिजाईनिंग का कोर्स करवाया जा रहा है। यह कोर्स चार से छह: माह के दौरान पूरा किया जा रहा है। इस कोर्स को करने के बाद केंद्र सरकार द्वारा ना केवल प्रतिभागी युवतियों को सर्टिफिकेट दिया जा रहा है, बल्कि उनकी प्लेसमेंट भी विभिन्न कपड़ा उद्योगों में की जा रही है। सिलाई-कढ़ाई का कार्य सीखकर अपना काम करने की इच्छुक युवतियों को केंद्र सरकार द्वारा मात्र सात प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करवाकर उन्हे स्वरोजगार की तरफ भी बढ़ाया जा रहा है।

पंडित दीनदयाल अत्योदय योजना के तहत राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के माध्यम से भिवानी की 75 युवतियों ने अपने 720 घंटे के कोर्स को पूर्ण करने के बाद बताया कि उन्हे अब ना केवल प्रमाण पत्र मिलेगा, बल्कि स्वरोजगार अपनाने के लिए ऋण भी सरकार द्वारा उपलब्ध करवाया जा रहा है। इससे वे आत्मनिर्भर होकर अपने घर-परिवार का गुजर-बसर करने मे सक्षम हो पाई हैं तथा उन्हे अपनी आजीविका की चिंता से मुक्ति मिली है। छात्रा सरोज, भारती व कोमल ने बताया कि आजीविका मिशन के तहत उन्होंने अपनी प्रशिक्षण अवधि को पूरा किया तथा कपड़ा सिलाई-कढ़ाई संबंधी कौशल को सीखा तथा वे अब कही पर भी अपना स्वयं का रोजगार करने में सक्षम हो पाई हैं। इसके लिए उन्होंने आजीविका मिशन योजना की सराहना भी की। इस मिशन से जुड़े अधिकारी अरूण कटारिया व सैंटर संचालिका पूनम शर्मा ने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की 75 युवतियों को चार से छह: माह का फैशन डिजाईनिंग का कोर्स पूरा करवाया गया है। इस कोर्स के तहत सिलाई, मशीन, कपड़ा, धागे व प्रशिक्षण सरकार के द्वारा नि:शुल्क उपलब्ध करवाया गया है। अब इन प्रशिक्षित युवतियों को अपना स्वयं का रोजगार करने का अवसर मिलेगा। इसके लिए सात प्रतिशत ब्याज दर पर इन्हे ऋण भी उपलब्ध हो सकेंगा। इससे ऊपर ऋण दरों का भुगतान इस योजना के तहत बैंक को सरकार द्वारा किया जाएगा। गौरतलब है कि अब घर बैठे प्रशिक्षित युवतियां अपनी आजीविका को चलाने के लिए आत्मनिर्भर होकर आगे बढ़ पाएंगी तथा अपना व परिवार का गुजर-बसर बेहतर तरीके से कर पाएंगी।