पशुपालकों के सप्ताहिक सम्मेलन का समापन, योजनाओं के बारे में चिकित्सकों ने दी जानकारी

जानकारी देते हुए डिप्टी डायरेक्टर एनिमल हसबेंडरी ने बताया कि किस प्रकार से भेड़ बकरी पालन किया जाता है और किस प्रकार से उनका रखरखाव किया जाता है। इस तरह की जानकारी सम्मेलन के माध्यम से पशुपालकों को दी गई है। उन्होंने बताया कि जो पशुपालक पशुओं का पालन करने में असमर्थ है उनको योजनाओं के तहत 100 से 500 तक भेड़ बकरी पालन पर लोन भी उपलब्ध है।

भिवानी || अंत्योदय व पिछड़े वर्ग के परिवारों का आर्थिक स्तर ऊंचा उठाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार नई-नई योजनाएं लागू कर उनके जीवन को खुशहाल करने का कार्य करती है। इसी कड़ी में भिवानी के पशु विज्ञान केंद्र में पशुपालकों के लिए आयोजित साप्ताहिक सम्मेलन का समापन हो चला है। जिसमें पशुपालकों को पशुओं से संबंधित जानकारियां दी गई। इसके साथ ही योजनाओं के बारे में उनको बताया गया तथा कैसे अपनी आजीविका का साधन बना सकते हैं, इसके बारे में भी जानकारी दी गई।
जानकारी देते हुए डिप्टी डायरेक्टर एनिमल हसबेंडरी ने बताया कि किस प्रकार से भेड़ बकरी पालन किया जाता है और किस प्रकार से उनका रखरखाव किया जाता है। इस तरह की जानकारी सम्मेलन के माध्यम से पशुपालकों को दी गई है। उन्होंने बताया कि जो पशुपालक पशुओं का पालन करने में असमर्थ है उनको योजनाओं के तहत 100 से 500 तक भेड़ बकरी पालन पर लोन भी उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि 25% जर्नल के लिए तो एससी पशुपालक के लिए 90% सब्सिडी का भी प्रावधान है। उन्होंने कहा कि भेड़ बकरी पालन आजीविका का एक अच्छा साधन है, पशुपालकों को कोई भी दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। उसके लिए पशु चिकित्सक हर समय उपलब्ध है।

वहीं पशुपालकों का कहना था कि सम्मेलन के माध्यम से उन्हें पशुपालन के बारे में अच्छी-अच्छी जानकारियां दी गई हैं कि किस प्रकार से बीमारी होने पर उनका बचाव किया जा सकता है ओर किस तरह से रखरखाव किया जाता है। इसके साथ-साथ पशुपालन के लिए क्या-क्या योजनाएं हैं इन सभी जानकारियों के प्रति उन्हें जागरूक किया गया है। उनका कहना था कि इस तरह के सम्मेलन का आयोजन होते रहना चाहिए ताकि जानकारी मिलती रहे ।