चरखी दादरी में लडख़ड़ाई स्वास्थ्य सेवाएं, दावे खोखले

चरखी दादरी। दादरी जिला का एकमात्र सामान्य सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं इस कदर लडख़ड़ाई हुई हैं कि अस्पताल में रिक्त पदों की कमी के चलते मरीजों को घंटों लाइनों में खड़ा होना पड़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग के दावों का नजारा यहां दवा लेने के लिए बनाई गई खिड़कियों पर देखा जा सकता है। इन दिनों फार्मासिस्ट के पद रिक्त होने के चलते यहां केवल एक खिडक़ी पर ही दवा वितरित की जाती है। जहां बच्चे से लेकर गर्भवती व बुजुर्ग तक कर भीड़ लंबी-लंबी लगी रहती हैं। कोरोना काल के दौरान ना सोशल डिस्टेंस का ख्याल और ना ही कोई सुविधा।

चरखी दादरी में लडख़ड़ाई स्वास्थ्य सेवाएं, दावे खोखले

चरखी दादरी (प्रदीप साहू) || चरखी दादरी के सिविल अस्पताल में सुबह से शाम तक मरीजों की खासी भीड़ के साथ-साथ उनकी परेशानियां भी बढ़ी रहती हैं। अस्पताल में दवा वितरण के लिए बनाई गई तीन खिड़कियों में से सिर्फ एक पर ही मरीजों को दवाइयां दी जा रही हैं। ऐसे में यहां मरीजों की लंबी लाइनें लगी रहती हैं। उल्लेखनीय है कि दादरी के सामान्य सरकारी अस्पताल में चिकित्सकों सहित सहायक कर्मियों के अधिकतर पद रिक्त हैं। जिसके चलते चिकित्सा सेवाएं तो प्रभावित हो ही रही हैं, साथ-साथ यहां आने वाले मरीजों को कई परेशानियों से गुजरना पड़ता है। इस बारे में स्थानीय लोग काफी समय से सरकार व स्वास्थ्य विभाग से यहां पर्याप्त संख्या में चिकित्सकों, सहायक कर्मियों की नियुक्तियों की मांग करते रहे हैं।

केवल एक फार्मासिस्ट
दादरी के सामान्य सरकारी अस्पताल में फार्मासिस्ट के चार पद स्वीकृत बताए गए हैं। कुछ रोज पहले तक यहां दवा वितरण के लिए बनाई गई तीन खिड़कियों में से दो पर कर्मचारी बैठते थे। अब केवल एक खिडक़ी की खुलती है। फार्मासिस्ट नवीन कासनी ने बताया कि मरीजों की संख्या को देखते हुए यह व्यवस्था काफी अप्रर्याप्त रहती है तथा दिनभर यहां मरीजों की लंबी लाइनें देखी जा सकती हैं।

रोजाना 800 से 900 आते हैं मरीज
दादरी के सामान्य सरकारी अस्पताल में रोजाना ओपीडी में आने वाले औसत 800 से 900 मरीज तक दवाइंया लेते हैं। उन्हें एक ही खिडक़ी पर दवा मिलने से अस्पताल में दूर तक कतार देखी जा सकती है। कई बार तो पूरा दिन गुजर जाने पर भी दवाइयां लेने की बारी नहीं आ पाती। मरीज रामरती, सुमेंद्र, अशोक, संजय इत्यादि ने बताया कि कोरोना काल के दौरान मजबूरी में अस्पताल में दवा लेने के लिए आना पड़ता है। ऐसे में समय के साथ-साथ दूर दराज के गांवों से आने वाले मरीजों की परेशानियां बढ़ी रहती हैं। समय पर दवाईयों का प्रयोग न करने से दिक्कतें और भी बढ़ जाती हैं।

सीएम, डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री को चिट्टीलिखी
पूर्व मंत्री व जजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सतपाल सांगवान ने बताया कि सिविल अस्पताल में व्यवस्थाओं को लेकर उन्होंने सीएम, डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री को चिट्टी लिखी है। यहां के हालात बेहाल होने से मरीजों को परेशानी ना हो, इसके लिए वे भरसक प्रयास कर रहे हैं।