बसों की कमी से बिफरे विद्यार्थी, बस स्टैंड का गेट बंद करते हुए हंगामा किया और रोष जताया

समस्या को लेकर जिला पार्षद मोहित साहू के नेतृत्व में करीब 20 गांवों के विद्यार्थी लामबंद होकर दादरी बस स्टैंड पहुंचे। उन्होंने यहां न केवल विरोध प्रदर्शन किया बल्कि रोडवेज अधिकारियों पर उनकी समस्याओं की अनदेखी करने का आरोप भी लगाया। इसके बाद आक्रोशित विद्यार्थियों ने रोडवेज का एक गेट बंद कर दिया जिससे बसों के संचालन भी प्रभावित हुआ। इसके बाद रोडवेज अधिकारी प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों के बीच पहुंचे और उनसे समस्याएं जानीं।

चरखी दादरी || बसों की कमी पर बिफरे विभिन्न गांवों के छात्रों ने लामबंद होकर दादरी बस स्टैंड का एक गेट बंद कर दिया। करीब आधा घंटे तक गेट बंद कर विद्यार्थियों ने हंगामा करते हुए रोष जताया। साथ ही रोडवेज अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए एक सप्ताह में समस्या के समाधान नहीं होने पर बस स्टैंड को ट्रैक्टरों से हजारों छात्रों द्वारा सील करने की चेतावनी दी। रोडवेज अधिकारी मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों को अगुवाई जिला पार्षद मोहित साहू ने की।

दरअसल रानीला समेत सात गांवों के विद्यार्थियों को दादरी और भिवानी कॉलेज में पहुंचने के लिए परेशानी झेलनी पड़ती हैं। दादरी के लिए केवल एक बस हैं जबकि रानीला-भिवानी रूट पर दादरी डिपो की एक भी बस नहीं चलती। इसके चलते विद्यार्थी अपने स्तर पर ही निजी वाहनों में किराया देकर सफर करने को विवश हैं। समस्या को लेकर जिला पार्षद मोहित साहू के नेतृत्व में करीब 20 गांवों के विद्यार्थी लामबंद होकर दादरी बस स्टैंड पहुंचे। उन्होंने यहां न केवल विरोध प्रदर्शन किया बल्कि रोडवेज अधिकारियों पर उनकी समस्याओं की अनदेखी करने का आरोप भी लगाया। इसके बाद आक्रोशित विद्यार्थियों ने रोडवेज का एक गेट बंद कर दिया जिससे बसों के संचालन भी प्रभावित हुआ। इसके बाद रोडवेज अधिकारी प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों के बीच पहुंचे और उनसे समस्याएं जानीं।

इस पर जिला पार्षद मोहित साहू ने बताया कि 20 गांवों के सैंकड़ों विद्यार्थी बसों की कमी के चलते काफी परेशान हैं। विद्यार्थियों को मजबूरी में निजी वाहनों से शिक्षण संस्थानों में पहुचना पड़ रहा है। जिला पार्षद मोहित साहू ने बताया कि बसों की कमी को लेकर वो तीन बार पहले भी रोडवेज अधिकारियों से मिल चुके हैं। बावजूद इसके कोई समाधान नहीं हुआ। अब एक सप्ताह तक समाधान नहीं हुआ तो रोडवेज अधिकारियों के काले-चिट्ठे के साथ मीडिया के समक्ष पेश किया जाएगा और ट्रैक्टर-ट्रालियों से हजारों छात्र पहुंचकर बस स्टैंड को सील कर देंगे।