गुरुग्राम में लगा दिव्यांगजन के लिए खुला जनता दरबार

आयुक्त की माने तो बहुत से ऐसे अधिकारी हैं जो फरीदाबाद और गुरुग्राम में स्थानांतरण करवाते हैं, क्योंकि ये मलाईदार शहर माने जाते हैं। जो अधिकारी मलाई खाने के लिए बैठे हैं, उनको कोई हक नहीं है कि जनता की सुनवाई न करे। अगर वह फिर भी जनता की बात नही सुनेंगे तो इनका इलाज करना हमें आता है। अधिकारी जनसेवक हैं और केवल जनता की सेवा करें नहीं तो उनका ट्रांसफर यमुनानगर और सिरसा में भी किया जा सकता है।

गुरुग्राम || गुरुग्राम के कैनाल रेस्ट हाउस में दिव्यंजनो के लिए जनता दरबार लगाया गया। जिसमें गुरुग्राम के कोने-कोने से दिव्यांगजन अपनी-अपनी समस्या लेकर पहुंचे। जनता दरबार में हरियाणा राज्य दिव्यांगजन आयोग के आयुक्त राजकुमार मक्कड़ ने सभी की समस्या को सुना। इस मौके पर सभी विभागों के प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे। जनता दरबार में स्वास्थ्य, परिवहन, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, शिक्षा, पुलिस, रोजगार, जिला परिषद, जनस्वास्थ्य विभाग, मंडी बोर्ड, रेडक्रॉस से सम्बंधित अधिकारी उपस्थित रहें। दरबार में दिव्यांगजनों की समस्याओं का निराकरण भी किया गया ।
गुरुग्राम पहुंचे हरियाणा राज्य दिव्यांगजन आयोग के आयुक्त राजकुमार मक्कड़ काफी नाराज दिखाई दिए। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि अधिकारी या तो दिव्यांगजन की समस्याओं को सुने नहीं तो उनका और भी इलाज किया जा सकता है। आयुक्त की माने तो बहुत से ऐसे अधिकारी हैं जो फरीदाबाद और गुरुग्राम में स्थानांतरण करवाते हैं, क्योंकि ये मलाईदार शहर माने जाते हैं। जो अधिकारी मलाई खाने के लिए बैठे हैं, उनको कोई हक नहीं है कि जनता की सुनवाई न करे। अगर वह फिर भी जनता की बात नही सुनेंगे तो इनका इलाज करना हमें आता है। अधिकारी जनसेवक हैं और केवल जनता की सेवा करें नहीं तो उनका ट्रांसफर यमुनानगर और सिरसा में भी किया जा सकता है। इसके बावजूद भी अधिकारी नहीं माने तो हरियाणा सरकार के पास इससे भी ज्यादा कई इलाज है। आयुक्त ने कहा कि अधिकारी गुरुग्राम जिले में ऐसे जनता दरबार लगाएं जिससे दिव्यांगजन की समस्याओं को सुना जा सके ताकि उनकी समस्याओं का मौके पर निपटारा हो सके।

आयुक्त की माने तो ऐसी बहुत सी समस्याएं हैं जो हमारे पास आई है। दिव्यांगजनो को हर विभाग में कोई ना कोई समस्या होती है, जिसका निवारण करना हमारा फर्ज बनता है, लेकिन कहीं ना कहीं अधिकारीयों की भी बड़ी लापरवाही सामने आई है, जो दिव्यांगजनो की समस्यों को सुनते ही नहीं है। सभी अधिकारियों को दिव्यांगजनों के लिए दरबार लगाने के निर्देश दिए गए है, जिससे दिव्यांगजनो को राहत मिल सके और उनकी समस्याओ का निराकरण हो सके।