बारिश से किसानों की बल्ले-बल्ले, इस वर्ष बम्पर फसल होने की संभावना

वहीं कृषि विभाग की माने तो दाम अच्छे होने की वजह से पिछले वर्ष की अपेक्षा कपास का एरिया 45 हज़ार एकड़ अबकी बार बढा है।वहीं बाजरे की अगर बात की जाए तो पिछले वर्ष 1 लाख 50 हज़ार एकड़ का एरिया था लेकिन अबकी बार लेट बुवाई होने की वजह से बाजरा 1 लाख 30 हज़ार एकड़ में बुवाई हुई है।

भिवानी || इस वर्ष मई और जून में हुई बारिश ने भूमिपुत्रों के चेहरे खिला दिए हैं क्योंकि सही समय पर हुई बारिश की वजह से अबकी बार बम्पर फसल होने की संभावना तो है ही, इसके साथ बुवाई में होने वाली  लागत का कुछ ख़र्चा भी इस बरसात से किसानों का बचा है।जिसके चलते इस बार बम्पर फसल होने की सम्भावनाएं भी भूमिपुत्रों द्वारा जताई जा रही है। वहीं कृषि विभाग की माने तो दाम अच्छे होने की वजह से पिछले वर्ष की अपेक्षा कपास का एरिया 45 हज़ार एकड़ अबकी बार बढा है।वहीं बाजरे की अगर बात की जाए तो पिछले वर्ष 1 लाख 50 हज़ार एकड़ का एरिया था लेकिन अबकी बार लेट बुवाई होने की वजह से बाजरा 1 लाख 30 हज़ार एकड़ में बुवाई हुई है। विभाग को उम्मीद है कि बाजरा इस वर्ष 1 लाख 70 हज़ार एकड़ तक बुवाई होगी। क्योंकि सही समय पर हुई बारिश से बम्पर फसल होने की संभावना है।

वहीं अबकी बार 10 हज़ार एकड़ में देशी कपास की बुवाई भी की गई है।देशी कपास की बुवाई पर 4 हज़ार प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि भी किसानों को दी जा रही है। किसानों का कहना है कि इस बारिश से अबकी बार बंपर फसल होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि सही समय पर  बारिश होने की वजह से उनका पानी की लागत का खर्चा भी बचा है।साथ ही उन्होंने कहा कि अभी और बारिश होगी तो बाजरे की फसल और भी अच्छी तैयार होगी।