मुआवजे की मांग को लेकर हाईटेंशन बिजली लाइन के टावर पर चढ़े किसान

कंपनी द्वारा खेतों में लगाए टावरों की एवज में अनेक किसानों को जहां मुआवजा राशि तक नहीं दी तो कुछ किसानों को नाममात्र मुआवजा दिया गया है। ऐसे में किसानों द्वारा गांव रामबास में किसान नेता विरेंद्र बडराई की अगुवाई में धरना शुरू करते हुए रोष प्रदर्शन किया। धरने पर पंचायत खापों के अलावा सामाजिक संगठनों ने भी समर्थन में पहुंचकर किसानों की मांगों को जायज बताया।

चरखी दादरी || किसानों के खेतों में लगाए गए हाईटेंशन बिजली लाइन के टॉवरों का मुआवजा नहीं मिलने से खफा किसानों ने बिजली टावर पर चढ गए और सरकार के खिलाफ रोष जताया। इस दौरान किसानों ने कंपनी पर सरकार से मिलीभगत कर किसानों का हक खाने का भी आरोप लगाया। साथ ही निर्णय लिया कि अगर एक सप्ताह में उनकी मांगों का समाधान नहीं हुआ तो पंचायत खापों संग बड़ा फैसला लेंगे। किसानों के प्रदर्शन में महिलाएं भी शामिल हुई और परिवार सहित आर-पार की लड़ाई लड़ने का भी ऐलान किया।

बता दें कि सरकार के निर्देशों पर निजी कंपनी द्वारा भिवानी से मुम्बई तक हाईटेंशन बिजली लाइनांे के लिए खेतों मेंे बिजली टावर लगाए गए हैं। कंपनी द्वारा खेतों में लगाए टावरों की एवज में अनेक किसानों को जहां मुआवजा राशि तक नहीं दी तो कुछ किसानों को नाममात्र मुआवजा दिया गया है। ऐसे में किसानों द्वारा गांव रामबास में किसान नेता विरेंद्र बडराई की अगुवाई में धरना शुरू करते हुए रोष प्रदर्शन किया। धरने पर पंचायत खापों के अलावा सामाजिक संगठनों ने भी समर्थन में पहुंचकर किसानों की मांगों को जायज बताया। इसी कड़ी में किसानों ने बिजली टावर पर चढ़कर रोष जताया। साथ ही स्पष्ट कहा कि अब किसी भी खेत में नया टावर नहीं लगने देंगे और अपने हक के लिए बड़े आंदोलन की रूपरेखा बनाएंगे।

सामाजिक संगठन पदाधिकारी व पूर्व चेयरमैन प्रीतम बलाली और किसान नेता विरेंद्र बडराई ने संयुक्त रूप से कहा कि किसानों के खेतों में बिजली टावर लगाने के बाद मुआवजा नहीं मिला है। उन्होंने कंपनी पर सरकार से मिलीभगत कर किसानों का हक खाने का भी आरोप लगाया। कहा  कि प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों तक गुहार लगा चुके हैं बावजूद आश्वासन के अलावा मुआवजा नहीं मिला। सरकार को चेतावनी दी है कि सात दिन में समाधान नहीं होने पर खापों संग बड़ा फैसला लेंगे और परिवार के साथ विरोध में उतरकर आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे।