हिसार के बहुचर्चित राजेश हत्याकांड में सीबीआई ने लड़की के पिता को किया गिरफ्तार...

हिसार ऑनर कीलिंग के बहुचर्चित मामले राजेश हत्याकांड में आज सीबीआई अधिकारी मीना गेरा के नेतृत्व में टीम ने हिसार पहुंचकर आरोपी लड़की के पिता व एक अन्य को गिरफ्तार किया है। लड़की के पिता ने सीबीआई के समक्ष इस बात को स्वीकार किया है कि उसने राजेश की सुपारी देकर हत्या करवाई थी। यह जानकारी देते हुए जय भीम आर्मी के चेयरमैन ने बताया कि इस मामले में उन्हें बड़ी सफलता मिली है |

हिसार के बहुचर्चित राजेश हत्याकांड में सीबीआई ने लड़की के पिता को किया गिरफ्तार...

हिसार (प्रवीण कुमार) || हिसार ऑनर कीलिंग के बहुचर्चित मामले राजेश हत्याकांड में आज सीबीआई अधिकारी मीना गेरा के नेतृत्व में टीम ने हिसार पहुंचकर आरोपी लड़की के पिता व एक अन्य को गिरफ्तार किया है। लड़की के पिता ने सीबीआई के समक्ष इस बात को स्वीकार किया है कि उसने राजेश की सुपारी देकर हत्या करवाई थी। यह जानकारी देते हुए जय भीम आर्मी के चेयरमैन ने बताया कि इस मामले में उन्हें बड़ी सफलता मिली है जिससे पीडि़त परिवार को न्याय मिल पाया है क्योंकि उन्होंने ही 6 अगस्त 2018 को एडवोकेट रामनिवास कुश के माध्यम से हाईकोर्ट में सीबीआई जांच के लिए केस डाला था जिसके बाद 3 अक्टूबर 2018 को हिसार के तत्कालीन एसपी व एसएचओ को हाईकोर्ट में तलब भी किया गया था। माननीय उच्च न्यायालय ने 3 दिसंबर 2018 को सीबीआई के जांच के आदेश दिए थे और यह केस सीबीआई के हाथों में चला गया था। संजय चौहान ने कहा कि एडवोकेट रामनिवास कुश ने इस केस की मजबूती से पैरवी की जिसकी बदौलत आज पीडि़त परिवार को न्याय मिल रहा है। संजय चौहान ने इसे बड़ी जीत बताते हुए कहा कि सीबीआई द्वारा मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी से पीडि़त परिवार को न्याय मिला है और उन्हें संघर्ष करने की नई ताकत मिली है। उन्होंने सीबीआई का निष्पक्ष कार्यवाही के धन्यवाद व्यक्त करते हुए अन्य आरोपियों की भी शीघ्र गिरफ्तारी की उम्मीद जताई।

जयभीम आर्मी ट्रस्ट के चेयरमैन संजय चौहान ने बताया कि राजेश अनुसूचित जाति से संबंध रखता था जिसने 23 अक्टूबर 2015 को उनकी संस्था सनातन धर्म चैरिटेबल ट्रस्ट में प्रेम विवाह किया था जिससे युवति के परिजन नाखुश थे। 02 फरवरी 2017 को राजेश गायब हुआ व 4 फरवरी 2017 को उसका शव मिर्जापुर-धांसु रेलवे फाटक के पास मिला। संजय चौहान ने मामले की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि क इस मामले में राजेश के परिजनों व उनकी ट्रस्ट द्वारा हिसार पुलिस द्वारा भेदभावपूर्ण कार्यवाही करने के चलते माननीय उच्च न्यायालय से सीबीआई की मांग की थी। इससे पूर्व माननीय हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार, एसपी हिसार व एसएचओ को अदालत में तलब भी किया गया था। संजय चौहान ने बताया कि इस मामले में अनुसूचित जाति के  युवक राजेश द्वारा प्रेम विवाह करने पर लड़की के परिजनों ने उसकी निर्ममता से हत्या कर दी थी और पुलिस की कार्यवाही इस मामले में पूरी तरह से भेदभावपूर्ण थी जिसके चलते यह केस माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन था। माननीय हाईकोर्ट ने भी ट्रस्ट व पीडि़त द्वारा की गई सीबीआई जांच की मांग पर गौर करते हुए इस बारे स्पष्टीकरण देने के आदेश दिए थे कि क्यों न यह मामला सीबीआई को सौंप दिया जाए। संजय चौहान ने बताया कि ऑनर कीलिंग के इस मामले में आरोपी पक्ष द्वारा मृत्तक राजेश के बड़े भाई व पीडि़ता के जेठ को ही पुलिस ने जांच के बहाने बुरी तरह से प्रताडि़त किया, उसे बुरी तरह से पीटा व टॉर्चर किया गया जबकि आरोपी पक्ष के लोगों पर पुलिस ने कार्यवाही नहीं की। इस मामले में मृत्तक की पत्नी, उसके पिता व भाई का नार्को टेस्ट भी हो चुका है। अंतर्राजातीय प्रेम विवाह के इस मामले में लड़की जाट जाति से संबंधित है जबकि लड़का राजेश चमार जाति से संबंध रखता था। उक्त प्रेमी युगल ने वर्ष 2015 में सनातन धर्म चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्मय से ही प्रेम विवाह किया था जिससे पूनम के परिजन नाखुश थे जिसे लेकर उन्होंने हिसार सेफ हाउस तक में जाकर धमकी दी थी। इसके बाद भी उसे जान से मारने की लगातार धमकियां मिलती रही जिसकी राजेश के परिजनों ने काफी बार पुलिस को शिकायत भी की थी लेकिन पुलिस द्वारा इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं की गई और और 02 फरवरी 2017 को राजेश का अपहरण कर लिया गया और 04 फरवरी 2017 को क्षत-विक्षत हालत में उसका शव मिला। राजेश की बेरहमी से हत्या कर उसके शव को मिर्जापुर रेलवे लाइन के पास फेंक दिया गया था।  राजेश की पत्नी पूनम अब भी अपने ससुराल में रहती है और उसका एक बेटा भी है। इसी मामले में माननीय हाई कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई चंडीगढ़ को सौंपने के आदेश दिए थे। संजय चौहान ने कहा कि सीबीआई टीम का धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि इससे पीडि़त परिवार को न्याय मिलेगा और जय भीम आर्मी के प्रयास रंग लाए हैं।

मृतक के पिता औमप्रकाश ने सीबीआई द्वारा मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किए जाने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि चाहे देरी से ही उन्हें न्याय मिला है। सीबीआई की कार्यवाही से उन्हें न्याय की उम्मीद जगी है। उन्होंने कहा कि उन्हेे जान से मारने की धमकी भी दी गई इस मामले की शिकायत थाने में दी दी। इस मामले की पैरवी कर रहे अधिवक्ता रामनिवास कुश ने कहा कि 6 अगस्त 2018 को हाईकोर्ट में सीबीआई जांच के लिए केस डाला था जिसके बाद 3 अक्टूबर 2018 को हिसार के तत्कालीन एसपी व एसएचओ को हाईकोर्ट में तलब भी किया गया था। माननीय उच्च न्यायालय ने 3 दिसंबर 2018 को सीबीआई के जांच के आदेश दिए थे और यह केस सीबीआई के हाथों में चला गया था। सीबीआई ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है।