बजरंग दल के पदाधिकारियों ने दिया इस्तीफा

रोहतक विभाग संयोजक नीरज वत्स ने अपनी पूरी टीम के साथ बजरंग दल के पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने नूंह में हुई हिंसा पर सरकार की नाकामी पर भी सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि बीजेपी सरकार हिंदू धर्म को मुद्दा बनाकर सत्ता में आई थी और आज वह सत्ता पर काबिज रहने के लिए तमाम तरह के समझौते कर रही है। उन्होंने मोनू मानेसर की गिरफ्तारी को भी गलत ठहराया है।

बहादुरगढ़ || नूंह हिंसा में सरकार की नाकामी से नाराज बजरंग दल के पदाधिकारी ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया है। यह पदाधिकारी नूंह में हुई हिंसा पर सवाल भी खड़े करते दिखाई दिए। बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने सरकार के सामने मोनू मानेसर को रिहा करने और कांग्रेस विधायक मामन खान को गिरफ्तार करने समेत 6 मांगे रखी हैं और मांगे पूरी नहीं होने तक बल उपासना केंद्र और मिलन केदो का संचालन नहीं करने की बात कही है। रोहतक विभाग संयोजक नीरज वत्स ने अपनी पूरी टीम के साथ बजरंग दल के पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने नूंह में हुई हिंसा पर सरकार की नाकामी पर भी सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि बीजेपी सरकार हिंदू धर्म को मुद्दा बनाकर सत्ता में आई थी और आज वह सत्ता पर काबिज रहने के लिए तमाम तरह के समझौते कर रही है। उन्होंने मोनू मानेसर की गिरफ्तारी को भी गलत ठहराया है। उनका कहना है कि जल्द से जल्द सरकार को मोनू मानेसर को रिहा करना चाहिए और कांग्रेस विधायक मामन खान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए। उन्होंने हिंसा के दौरान घायल हुए पुलिसकर्मियों और मारे गए आम लोगों को एक-एक करोड रुपए का मुआवजा देने की भी मांग की है। उन्होंने घायलों को उचित इलाज मुहैया करवाने और घायलों को मुआवजा देने की भी मांग की है। इसके साथ ही हिंसा के पीड़ित बजरंग दल और अन्य हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज किए गए मुकदमे वापस लेने की मांग भी की गई है। बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने मांगे पूरी नहीं होने तक बजरंग दल के बल उपासना केंद्र और मिलन केंद्रों पर कार्यक्रमों का संचालन नहीं करने का भी ऐलान किया है। बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा तो खोल दिया है। लेकिन अब सरकार उनकी मांगों की तरफ क्या कदम उठाती है यह देखने वाली बात होगी।