दिल्ली देहात में टूटी हुई सड़कें और नालियां, बस स्टैंड का हाल बेहाल

दिल्ली देहात में सड़कें, नालियां टूटी पड़ी रहती हैं। कई वर्षों तक उन पर कोई भी ध्यान नहीं देता। ऐसा ही हाल दिल्ली देहात के बस स्टैंड का है।

दिल्ली देहात में टूटी हुई सड़कें और नालियां, बस स्टैंड का हाल बेहाल

||Delhi ||Aditya Kumar || दिल्ली कहने को तो देश की राजधानी है लेकिन देहात में सड़कें, नालियां टूटी पड़ी रहती हैं। कई वर्षों तक उन पर ध्यान नहीं दिया जाता और ऐसा ही हाल दिल्ली देहात के बस स्टैंड का भी है।बस स्टैंड के मामले में भी दिल्ली देहात के लोगों के साथ सौतेला व्यवहार किया जाता हैं। औचंदी बार्डर से लेकर शाहबाद डेरी तक के बस स्टैंड की पड़ताल की तो पाया कि हरियाणा से सटे औचंदी बार्डर से लेकर शाहबाद डेरी तक के गांवों के बस स्टैंड गायब थे। पूरे रास्ते में महर्षि वाल्मीकि अस्पताल के बाहर मात्र एक बस स्टैंड था। अस्पताल के सामने का दूसरा बस स्टैंड गायब मिला। बस स्टैंड के नाम पर पोल गाड़कर उस पर प्लेट लगाई गई थी।कई जगह तो वह भी गायब थी।

नही रुकती बसें

गांवों में बस रोकनी है या नहीं, यह भी बस चालक के मूड पर निर्भर करता है। हर रोज यहां ऐसा नजारा देखने को मिल जाता हैं कि सवारियां बस रुकवाने का इशारा करती हैं और बस चालक बस भगा ले जाता है। जब चालक का मन करता है तो जहां भी चार लोग खड़े होकर रुकने का इशारा करते हैं, चालक बस रोककर उन्हें बैठा लेता है। बस न मिलने पर लोग बस चालकों व उनके अधिकारियों को कोसते नजर आते हैं।

इन जगहों से गायब हैं बस स्टैंड

औचंदी बार्डर, औचंदी शिव मंदिर, औचंदी गांव, औचंदी स्कूल, हरेवली मोड, दरियापुर गांव, नांगल ठाकरान मोड़, दरियापुर स्कूल, बवाना डिपो, बवाना चौक, अदिति महाविद्यालय, बवाना डीएसआइआइडीसी सेक्टर एक, बवाना गैस एजेंसी, महर्षि वाल्मीकि अस्पताल पूठ खुर्द, पूठ खुर्द गांव, सुल्तानपुर क्रासिंग, बरवाला गांव, बरवाला स्कूल, जैन कालोनी, प्रह्लादपुर स्कूल, प्रह्लादपुर गांव, रोहिणी सेक्टर 2730 मोड़, शाहबाद डेरी, सेंट जेवियर स्कूल। इन जगहों पर कही भी बस स्टैंड नहीं हैं|

औचंदी बार्डर

औचंदी बार्डर से लेकर औचंदी गांव तक आते व जाते समय कथित रूप से सात जगह बस रुकती है। गौरतलब है कि सभी जगह से बस स्टैंड गायब हैं। गांव के लोगों की माने तो यहां करीब 15 वर्षों से कोई बस स्टैंड नहीं हैं। औचंदी आरडब्ल्यूए के सदस्यों का कहना है कि जब वह स्कूल में थे तब से यहां पर कोई बस स्टैंड नहीं है। अब वह कालेज में पहुंच गए, लेकिन बस स्टैंड नहीं बनें।

बवाना गांव:

बवाना गांव का भी हाल बेहाल हैं। बवाना गांव में भी बस स्टैंड नही हैं। न तो पूठ खुर्द गांव की ओर जाने वाले रास्ते पर, न कुतुबगढ़ की ओर जाने वाले रोड पर और न ही नरेला रोड पर बस स्टैंड है। लोग पेड़ों के नीचे, सड़क, फुटपाथ पर खड़े होकर बसों का इंतजार करते हैं। ऐसे में लोगों को कई तरह के परेशानी का सामना करना पड़ता है।

पूठ खुर्द:

पूठ खुर्द गांव में बस स्टैंड न होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। पोल गाड़कर उसपर बस स्टाप लिख रखा है। संकरे रोड पर लोग सड़क पर ही खड़े रहते हैं। बस चालक का मन करता है तो बस रोक देता है, नहीं तो लोग मजबूरी में प्राइवेट बसों में सवारी करने को मजबूर हैं।

शाहबाद डेरी:

शाहबाद डेरी इलाके में बस स्टैंड नही होने की कारण से रोज सैकड़ों लोगों को तरह-तरह के परेशानीयों का सामना करना पड़ता हैं।बस स्टैंड के अभाव में वह नाले पर खड़े रहते हैं। कई बार तो लोग नाले में गिर जाते हैं। लोग चार-पांच के समुह में दो-तीन जगह खड़े रहते हैं।ऐसे में लोगों को समझ नहीं आता है कि बस कहां पर आकर रुकेगी।