रादौर में निर्माणधीन सरकारी कालेज के नाम को लेकर रोष

रादौर में निर्माणधीन सरकारी कालेज के नाम को लेकर रोष, सरकार ने कालेज का नाम रखा है महात्मा ज्योतिबा फुले के नाम पर, काम्बोज समाज की मांग शहीद उधम सिंह के नाम पर हो सरकारी कालेज का नाम। मांग पूरी न होने पर दी रणनीति बनाकर आंदोलन की चेतावनी।

रादौर में निर्माणधीन सरकारी कालेज के नाम को लेकर रोष
 रादौर (कुलदीप सैनी ) || प्रदेश सरकार द्वारा रादौर के गांव रादौरी में निर्माणाधीन सरकारी कॉलेज का नाम महात्मा ज्योतिबा फुले रखे जाने के फैसले का विरोध भी शुरू हो चूका है। कालेज के नामकरण को लेकर छिड़ी जंग के चलते काम्बोज समाज की एक बैठक रादौर में आयोजित की गई। बैठक में समाज के लोगो ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया और सरकार व स्थानीय विधायक पर उनके साथ वायदा खिलाफी का आरोप लगाया।
 वही आगामी रणनीति बनाने के लिए 31 सदस्यी कमेटी का गठन किया गया, जो इस पुरे मामले पर नजर बनाए रखेगी। इस मोके पर बातचीत करते हुए कमेटी के सदस्य देवराज बुबका ने कहा की गांव रादौरी की यह भूमि उनके समाज के नाम पर है, जिसे उन्होंने सरकार को कालेज निर्माण के लिए दी थी लेकिन सरकार ने इस कॉलेज का नाम ज्योतिबा फुले के नाम पर रख दिया है
जिसका कंबोज बिरादरी विरोध करती है। उन्होंने कहा कि कंबोज बिरादरी की मांग है कि इस कॉलेज का नाम शहीद उधम सिंह के नाम पर रखा जाए। जिसके लिए समाज के लोगों ने 1 वर्ष पहले स्थानीय विधायक श्याम सिंह राणा को एक मांग पत्र भी सौंपा था, लेकिन उस मांग को दरकिनार करते हुए इस कॉलेज का नाम ज्योतिबा फुले के नाम पर रख दिया गया है जिसके बाद समाज के लोगों में भारी रोष है। उन्होंने कहा कि पूरा कंबोज समाज यह चाहता है कि कॉलेज का नाम शहीद उधम सिंह के नाम पर रखा जाए। 
वहीं उन्होंने कहा कि आगामी रणनीति के लिए समाज के लोगों ने आज बैठक में 31 सदस्यीय कमेटी बनाई है जो इस पर आगामी रणनीति बनाएगी।  उन्होंने कहा कि इस मांग को लेकर वह एक मांग पत्र पहले एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजेंगे अगर फिर भी बात नहीं बनती तो मुख्यमंत्री से भी मिलेंगे। वहीं उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक इस कॉलेज का नाम शहीद उधम सिंह के नाम पर नहीं रखा जाता तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।