बैक पैन का आधुनिक इलाज लोगो को मिलेगा आसान तरीका

स्पाइन संबंधी गड़बड़ी की सही और कई गुण संबंधित तस्वीर दिखा सकता है. आप इसके इलाज के लिए जो आधुनिक प्रबंध मौजूद है. इनमें इंडोस्कोप प्रमुख है. इसमें इंडोस्कोप की सहायता से ऑपरेशन करते हैं. यहां चिकित्सक की आंखें तो मानीटर पर होती हैं, लेकिन हाथ अपना काम कर रहे होते हैं. आज कई तरह के इंडोस्कोप उपलब्ध हैं और विभिन्न-विभिन्न ऑपरेशनों के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं.

बैक पैन का आधुनिक इलाज लोगो को मिलेगा आसान तरीका

(sakshi Jaisawal) आज कल अधिकांश लोगों में लो बैक पैन यानी कमर दर्द की शिकायत बड़ी आम हो चली है. विशेषज्ञ इसके कई कारण बता रहें हैं. लेकिन एक बड़ा कारण आज की आधुनिक जीवन शैली है. कमर दर्द का पहले दर्दनाशक दवाओं व बेडरेस्ट के अलावा कोई कारगर इलाज नहीं था. लेकिन आज लोग बैक पैन प्रबंधन की नई चिकित्सा सुविधाएं देश में उपलब्ध हो गयी हैं बैक पैन की शिकायत इस कदर आम हो गईं हैं कि आप का कोई न कोई परिचित इससे परेशान अवश्य मिल जायेगा.नई दिल्ली स्थित सर गंगाराम अस्पताल के न्यूरो एंड स्पाइन डिपाटमेंट के डायरेक्टर डा.सतनाम सिंह छाबड़ा का कहना है कि आज महानगरों की अरामपसंद जीवनशैली, गलत रहन-सहन, शारीरिक श्रम की कमी, बैठने व सोने के बेतुके ढंग, भीड़ भरी सडकों पर अधिक समय तक गाड़ी चलाने आदि के कारण युवाओं में भी रीढ़ ‘स्पाइन’ संबंधी बीमारी महामारी की तरह फैल रही है 15 से 30 वर्ष के अधिकांश युवा रीढ़ के विकारों से ग्रस्त हैं. रीढ़ की हड्डी में खराबी के कारण या तो पीठ या कमर में असह्य दर्द होता है. उसमें स्पाइन के मरीजों की तादाद में बेतहाशा बढ़ोतरी हो रही है.शहरों में स्पाइन के रोगियों की संख्या अधिक है. स्पाइन जिसका खुद का वजन काफी कम होता है, पूरे स्थल के बीच डिस्क बहुत ही व्यवस्थित ढंग से फिट रहती है और डिस्क बर्टिबा पर अंकुश कायम रखती है. अगर किसी कारण से बर्टिब्रा के आगे की दिशा यानी पेटी की तरफ या पीछे की दिशा ‘पीठ की तरफ’ खिसक सकता है. इसमें जब डिस्क पीठ की तरफ  खिसकती है तो वह मरीज के लिए बहुत घातक होता है. डा.सतनाम सिंह छाबड़ा का कहना है कि लो बैंक पेन की अधिकांश शिकायत एल-4 व एल-5 या एल-5 व एस-1 के लेवल पर होती है. स्पाइन की शल्य चिकित्सा में मैग्नेटिक रेजोन्स इमेजिंग ‘एम.आर.आई.’ की महत्वपूर्ण भूमिका है, ऑपरेशन से पूर्व स्लिप्ड डिस्क की स्थिति का पता लगाना आवश्यक होता है. साथ ही यह भी जानना जरूरी होता है कि स्लिप्ड डिस्क किन नसों पर दबाव डाल रही है,