नीजिकरण व ठेकेदारी प्रथा के विरोध में दिसंबर के लास्ट या जनवरी के प्रथम सप्ताह में राष्ट्रव्यापी भारत बंद का एटक !

भिवानी  || ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस का दो दिवसीय 17वां प्रदेश स्तरीय महासम्मेलन भिवानी में हुआ संपन्नएटक राष्ट्रीय महासचिव अमरजीत कौर ने कहा : उद्योगपतियों की नीतियों को आगे बढ़ाने वाली सरकार के खिलाफ 26 से 28 नवंबर को देश के राज्यों की राजधानियों में होगा महापड़ाव|

भिवानी  || ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस का दो दिवसीय 17वां प्रदेश स्तरीय महासम्मेलन भिवानी में हुआ संपन्नएटक राष्ट्रीय महासचिव अमरजीत कौर ने कहा : उद्योगपतियों की नीतियों को आगे बढ़ाने वाली सरकार के खिलाफ 26 से 28 नवंबर को देश के राज्यों की राजधानियों में होगा महापड़ाव
नीजिकरण व ठेकेदारी प्रथा के विरोध में दिसंबर के लास्ट या जनवरी के प्रथम सप्ताह में राष्ट्रव्यापी भारत बंद का एटक संगठन लेगी फैसला | देश के संसाधनों पर नीजि क्षेत्र का बढ़ा कब्जा, सरकार की नीतियां जिम्मेवार

एटक महासचिव का आरोप : भाजपा की खराब नीतियों की बदौलत कल्याणकारी स्कीमों का बजट कम हुआ, बेरोजगारी बढ़ी, नीजि क्षेत्र व सरकारी क्षेत्र की नौकरी घटी
एटक के प्रदेश महासचिव वेचुगिरी ने सम्मेलन में कहा : हरियाणा में नीजि क्षेत्र में 75 प्रतिशत आरक्षण की जरूरत नहीं पड़ती, यदि राज्य सरकार नीजि क्षेत्र के कामगारों को श्रम कानून अनुसार बेहतर वेज लागू करवा पाती हरियाणा में नीजि क्षेत्र की नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण की उच्च अदालत में पैरवी करे 

भिवानी  जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहे है, वैसे-वैसे पूंजीवादी ताकतों के खिलाफ कर्मचारी-मजदूर व किसान संगठन लांबंद्ध होना शुरू हो गए है। इसी के तहत ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) का दो दिवसीय 17वां प्रदेश स्तरीय सम्मेलन भिवानी में आयोजित कर आने वाले दिनों में सरकार के खिलाफ विभिन्न संगठनों ने हुंकार भरी तथा कहा कि जिस प्रकार से उद्योगों में लगी मजदूरों की नौकरी सरकारी नीतियां खा रही है, उन्हे सरकार को वापिस लेना चाहिए।

एटक की राष्ट्रीय महासचिव अमरजीत कौर व प्रदेश महासचिव वेचूगिरी ने भिवानी में आयोजित दो दिवसीय एटक के सम्मेलन में कहा कि केंद्र सरकार की कल्प नीतियों के चलते देश के संसाधनों पर धीरे- धीरे करके उद्योगपतियों का कब्जा होता जा रहा है। जिसमें सरकार सीधे रूप से अपने चहेते उद्योगपतियों को लाभ पहुंचा रही है। जिसके चलते देश के मजदूर-किसान व कर्मचारी नीजिकरण की चपेट में आ गए है। इससे महंगाई व बेरोजगारी बढ़ रही है तथा लोगों के लिए कल्याणकारी स्कीमों के बजट में भी कमी आई है। ऐसे में केंद्र सरकार की नीतियों में बदलाव नहीं आता है तो किसान, मजदूर व कर्मचारी गठबंधन बनाकर वोट की चोट करके भाजपा सरकार को बदलने का कार्य करेंगे, ताकि पूंजीवादी नीतियों को आगे बढऩे से रोका जा सकें। उन्होंने कहा कि आने वाले 26, 27 व 28 नवंबर को देश के राज्यों की विभिन्न राजधानियों मं बड़ा महापड़ाव होगा। वही दिसंबर के लास्ट या जनवरी में राष्ट्रव्यापी भारत बंद का आह्वान भी उनका संगठन करेगा तथा सरकार की नीजिकरण व ठेकेदारी प्रथा की नीतियों के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह मजदूर, किसान व कर्मचारी संगठनों की ही देन है कि केंद्र सरकार ने इनके दबाव के चलते बैंकों व इंश्योरेंस सैक्टर का प्राईवेटाईजेशन नहीं कर पाई तथा बीपीसीएल को बेचने में भी सफल नहीं हो पाई। क्योंकि समय-समय पर विभिन्न मजदूर, किसान व कर्मचारी संगठनों ने इसको लेकर लड़ाई लड़ी।

पत्रकारों द्वारा एटक नेताओं से हरियाणा प्रदेश में 75 प्रतिशत आरक्षण कोर्ट द्वारा खत्म किए जाने के मुद्दे पर पूछे गए सवाल के जवाब में एटक नेताओं ने कहा कि उद्योगपति अन्य राज्य के लोगों को कम वेतन में नौकरी देते है। जिसके चलते राज्य सरकार को इस प्रकार के कानून लाने पड़ते है। ऐसे में राज्य सरकारों का दायित्व बनता है कि प्राईवेट सैक्टर में काम करने वाले लोगों के लिए पूरा वेज लागू करवाए। उन्हे 8 से 12 घंटे काम करने की ऐवज में 8-10 हजार रूपये नहीं, बल्कि पूरा वेतन दिया जाए तो इस प्रकार के कानूनों की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। उद्योगपति कम वेतन देने के लालच में अन्य राज्य के लोगों को नौकरी देते है, इस परिपाटी को खत्म करने के लिए भी उनका संगठन काम कर रहा है।