यमुनानगर में प्राइवेट बस बनी कोचिंग सेंटर...

यमुनानगर में प्राइवेट बस बनी कोचिंग सेंटर। तस्वीरे यमुनानगर की है जहाँ एक कोचिंग सेंटर के संचालक ने बस को कोचिंग सेंटर बना कर उसमें कोचिंग क्लास लगा डाली। बस को कोचिंग सेंटर बनाने के पीछे उद्देश्य है कि सरकार तक ये सन्देश जाए कि जब हरियाणा रोडवेज की बस 52 सवारियों के साथ ,चल सकती है , तो कोचिंग सेंटर क्यों नहीं । उनकी मांग है की सरकार ने जब सब कुछ खोल दिया तो कोचिंग सेंटर भी खोले जाए। दिन ब दिन कोचिंग सेंटर्स संचालको की आर्थिक स्तिथि खराब हो रही है या सरकार सभी को कोई राहत पैकेज दे।

यमुनानगर में प्राइवेट बस बनी कोचिंग सेंटर...

यमुनानगर (सुमित ओबेरॉय) || तस्वीरों में जो नजारा आपको दिखाई दे रहा है ये किसी बस स्टैंड का सीन नही है । दरअसल एक कोचिंग सेंटर के द्वारा सरकार तक सन्देश पहुंचाने के लिए एक अनोखी क्लास प्राइवेर बस में लगाई गई। बस के अंदर जाने से पहले स्टूडेंट्स के हाथ सेनेटाइज़ किये गए और उनकी थर्मल सकैनिंग की गई और फिर बस में पूरी क्लास लगाई गई । कोचिंग सेंटर संचालक संदीप बंसल ने बताया कि पिछले 4 महीने से सभी कोचिंग सेंटर्स बंद पड़े हैं , लॉकडाउन से अनलॉक में हम लोग पहुंच चुके हैं और धीरे-धीरे होटल जिम सब कुछ खोला जा चुका है |

लेकिन कोचिंग सेंटर्स नहीं खोले गए। अभी हाल ही में सरकार ने 52 सवारियों के साथ बसें भी चलानी शुरू कर दी है , जब वहां पर कोरोना नहीं फैल सकता तो हमारे कोचिंग सेंटर में तो केवल एक समय में 15 से 20 बच्चे बैठते हैं , इसीलिए हमने सरकार को जगाने के लिए आज एक प्राइवेट बस में उदाहरण के तौर पर एक क्लास बस में लगाई। ताकि सरकार तक हमारा यह संदेश पहुंचे और सरकार जल्द से जल्द हमारे कोचिंग सेंटर खोले, ताकि हमारी आर्थिक स्थिति भी सही हो ।और जो बच्चे हैं उनकी पढ़ाई भी खराब ना हो।

वही बस में कोचिंग क्लास में आए स्टूडेंट्स ने बताया कि ऑनलाइन क्लास लगाने में काफी दिक्कते आ रही है , और कोचिंग सेंटर्स जो कि हमारी पढ़ाई में मददगार हैं और पिछले 4 महीने से कोचिंग सेंटर बंद पड़े हैं । सरकार ने अब जिम होटल व लगभग सभी चीजें खोल दी हैं लेकिन कोचिंग सेंटर को नहीं खोला गया। सरकार ने बसों को भी 52 सवारियों के साथ चलाना शुरु कर दिया है। ऐसे में हम तो सरकार से यही निवेदन करते हैं कि जल्द से जल्द कोचिंग सेंटर खोले जाएं ताकि हमारी पढ़ाई खराब ना हो । जब बस में 52 सवारियां बैठ सकती हैं तो हमारे कोचिंग सेंटर में तो एक समय में 15 से 20 स्टूडेंट्स ही आते हैं और सभी सोशल डिस्टेंसिंग और सभी नियमों का पालन कर सकते हैं। क्योंकि सभी लगभग 10 वीं या उससे बड़ी क्लास के स्टूडेंट्स है। और आज इस प्रकार बस के अंदर कोचिंग लेकर इतने दिनों बाद बहुत अच्छा लग रहा है । अब देखना होगा कि बार-बार कोचिंग सेंटर्स के सरकार को कहने के बाद भी अब तक कोचिंग सेंटर्स नहीं खोले गए हैं ।अब देखना होगी सरकार कब तक इन कोचिंग सेंटर पर निर्णय लेती है।