मासूमों के जान से खिलवाड़,कौन है इसका ज़िम्मेदार?

झूला टूटने से एक ही परिवार के तीन मासूम बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए हादसा होते ही वाटर पार्क की कर्मचारी मौके से भाग खड़े हुए। घायल मासूमों को ना तो मौके पर एंबुलेंस और चिकित्सा सहायता मिली और ना ही सेफ्टी उपकरण।

मासूमों के जान से खिलवाड़,कौन है इसका ज़िम्मेदार?
Bahadurgah (Yogender Saini) : दिल्ली के राजौरी गार्डन रहने वाले श्रीकांत और उसकी बहन का परिवार बहादुरगढ़ के आसौदा गांव स्थित फन टाउन वाटर पार्क में मौज मस्ती करने पहुंचा था। बच्चों ने वॉटर राइड का खूब लुफ्त उठाया और बाद में बच्चे झूले झूलने लगे। जब बहुत सारे बच्चे एक टॉय ट्रेन वाले झूले पर सवार हुए तो अचानक से झूले की स्पीड बढ़ गई। जिसकी वजह से टॉय ट्रेन वाले झूले के पीछे लगे दो डिब्बे टूट कर दूर जा गिरे। इसके नीचे दबने से कई बच्चों को चोटें आई। जिनमें से तीन बच्चे एक ही परिवार के हैं। हैरानी की बात की है कि हादसे के तुरंत बाद वाटर पार्क के कर्मचारी मौके से भाग खड़े हुए। परिजनों ने बताया कि उन्होंने बच्चों को अस्पताल पहुंचाने के लिए प्रबंधन से गुहार लगाई। लेकिन कोई भी कर्मचारी उनका साथ देने के लिए तैयार नहीं हुआ। मौके पर ना तो बच्चों को फर्स्टऐड दी गई और ना ही किसी तरह की एंबुलेंस वहां तैनात थी। सेफ्टी उपकरण भी मौके पर नहीं मिले। बाद में वाटर पार्क में घूमने आए अन्य परिवारों ने बच्चों को अस्पताल पहुंचाया।
तीनों बच्चों के हाथ और पैरों में गंभीर चोटें आई हैं। बच्चों को गहरी चोट के कारण टांके भी लगाए गए हैं। बच्चों के साथ अचानक हुए हादसे के कारण बच्चे अभी सदमे में और दर्द से परेशान है। वाटर पार्क प्रबंधन की लापरवाही के कारण हुए हादसे की शिकायत परिजनों ने ट्विटर के जरिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर स्थानीय प्रशासन को की। जिसके बाद एसडीएम भूपेंद्र सिंह ने देर रात अस्पताल पहुंचकर बच्चों का हालचाल जाना और पुलिस ने भी मामले की जांच शुरू की। 
एसडीम भूपेंद्र सिंह का कहना है कि वाटर पार्क चलाने की परमिशन, फायर एंड सेफ्टी उपकरण और पोलूशन सर्टिफिकेट की जांच की जाएगी। वही हादसे के कारण कभी पता लगाने की कोशिश की जाएगी। वहीं हादसे के बाद घायल मासूमों के प्रति वाटर पार्क प्रबंधन के उदासीन रवैया की भी एसडीएम ने निंदा की है। 
परिजनों ने हादसे के के दोषी वाटर पार्क प्रबंधन के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने और बच्चों को उचित इलाज मुहैया करवाने की मांग सरकार और पुलिस प्रशासन से की है।