नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के खिलाफ हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने दिया धरना...

हिसार के लघुसचिवालय में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा से संबंधित हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 20220 के खिलाफ राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर भूख हड़ताल करते हुए मुख्यमंत्री हरियाणा के नाम जिला उपायुक्तों को ज्ञापन सौंपा।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के खिलाफ हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने दिया धरना...

हिसार (प्रवीण कुमार) || हिसार के लघुसचिवालय में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा से संबंधित हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 20220 के खिलाफ  राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर भूख हड़ताल करते हुए मुख्यमंत्री हरियाणा के नाम जिला उपायुक्तों को ज्ञापन सौंपा। भी इस आंदोलन के अंतर्गत लघु सचिवालय पर हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के जिला उपाध्यक्ष सुतारद्दीन मिर्जा की अध्यक्षता में धरना दिया गया और भूख हड़ताल पर बैठे। धरने में सैंकड़ों की संख्या में अध्यापक भी धरने में शामिल हुए। धरने को मुख्यवक्ता के रूप में सम्बोधित करते हुए हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के राज्य प्रधान एवं स्कूल टीचर्स फैडरेशन ऑफ इंडिया के महासचिव सीएन भारती ने बताया कि शिक्षा नीति में सुधार के नाम पर शिक्षा के ढांचे में आमूलचूल परिवर्तन कर शिक्षा का निजीकरण केंद्रीयकरण और साम्प्रदायिकरण करने की साजिश है। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही बच्चे को जिम्मेदार नागरिक बनाती है जो विभिन्न क्षेत्रों में काम करते हुए देश के विकास में योगदान देते हैं।

उन्होंने कहा कि हमारी शिक्षा नीति में समता.समानता धर्म निरपेक्षता लोकतांत्रिक व भारत की विभिन्नताओ एवं समाजवाद जैसे मूल्यों को शामिल किया जाना चाहिए। राज्य प्रधान ने कहा कि शिक्षा सब तक पहुंच पाएं  इसलिए निल्शुल्क  अनिवार्य व गुणवत्तापूर्वक होनी चाहिए। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के राज्य प्रधान एवं स्कूल टीचर्स फैडरेशन ऑफ इंडिया के महासचिव सीएन भारती ने बताया कि शिक्षा नीति में सुधार के नाम पर शिक्षा के ढांचे में आमूलचूल परिवर्तन कर शिक्षा का निजीकरण केंद्रीयकरण और साम्प्रदायिकरण करने की साजिश है। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही बच्चे को जिम्मेदार नागरिक बनाती है जो विभिन्न क्षेत्रों में काम करते हुए देश के विकास में योगदान देते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी शिक्षा नीति में समता.समानताए धर्म निरपेक्षताए लोकतांत्रिक व भारत की विभिन्नताओ एवं समाजवाद जैसे मूल्यों को शामिल किया जाना चाहिए।