सरसों की सरकारी खरीद नहीं हुई शुरू

सरकार द्वारा आज 26 मार्च से सरकारी रेट पर सरसों की फसल खरीदने के दावे चरखी दादरी में हवाई साबित हुए। यहां ना तो किसी सरसों फसल की सरकारी खरीद शुरू हो पाई और ना ही किसान अपनी फसल लेकर आए। अधूरे प्रबंधों व ठोस व्यवस्था नहीं होने के कारण आढ़तियों द्वारा मंडी अधिकारियों पर आरोप लगाए हैं। वहीं आढतियों ने मंडी में मीटिंग कर सरसों की सरकारी खरीद का बहिष्कार किया और खरीद करने वाले आढति पर 5 हजार रुपए जुर्माना करने का भी निर्णय लिया। उधर मंडी प्रशासन ने पुख्ता प्रबंधों का दावा करते हुए आवक होने पर ही नमी अनुसार खरीद करने की बात कही है। हालात ऐसे हैं कि तेल मिल मालिक बाहर से ही सरसों खरीदकर सरकार को मार्केट फीस व जीएसटी की लाखों रुपए की चपत लगा रहे हैं।

चरखी दादरी। सरकार द्वारा आज 26 मार्च से सरकारी रेट पर सरसों की फसल खरीदने के दावे चरखी दादरी में हवाई साबित हुए। यहां ना तो किसी सरसों फसल की सरकारी खरीद शुरू हो पाई और ना ही किसान अपनी फसल लेकर आए। अधूरे प्रबंधों व ठोस व्यवस्था नहीं होने के कारण आढ़तियों द्वारा मंडी अधिकारियों पर आरोप लगाए हैं। वहीं आढतियों ने मंडी में मीटिंग कर सरसों की सरकारी खरीद का बहिष्कार किया और खरीद करने वाले आढति पर 5 हजार रुपए जुर्माना करने का भी निर्णय लिया। उधर मंडी प्रशासन ने पुख्ता प्रबंधों का दावा करते हुए आवक होने पर ही नमी अनुसार खरीद करने की बात कही है। हालात ऐसे हैं कि तेल मिल मालिक बाहर से ही सरसों खरीदकर सरकार को मार्केट फीस व जीएसटी की लाखों रुपए की चपत लगा रहे हैं।

बता दें कि सरकार द्वारा 26 मार्च से हरियाणा में सरसों की सरकारी खरीद शुरू करने के दावे किए थे। बावजूद इसके अधिकारियों के पास ना तो खरीद से संबंधित कोई जानकारी मिली और ना ही खरीद एजेंसियों को आर्डर मिले। ऐसे में किसानों में भी खरीद को लेकर असमंजस की स्थिति बनी है और अनाजमंडी भी सुनसान है। मंडी में एकाध किसान सरसों की फसल लेकर पहुंचे लेकिन ना तो कोई अधिकारी मिले और ना ही खरीद एजेंसी। ऐसे में किसानों द्वारा तेल मिलों पर अपनी सरसों बेची। आढ़तियों द्वारा मंडी अधिकारियों पर आरोप लगाए कि मंडी में खरीद के कोई प्रबंध नहीं हैं। आढतियों ने मंडी प्रधान रामकुमार रिटोलिया की अगुवाई मंे सरसों के खरीद का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। वहीं कार्यकारिणी ने निर्णय लिया है कि यदि कोई आढ़ति सरसों की खरीद करता है तो उस पर कार्यकारिणी द्वारा जुर्माना लगाया जाएगा। आढ़तियों ने मांग की है कि सरसों की सरकारी खरीद उनके जरिए हो और ढाई प्रतिशत उन्हें आढ़त मिले। जब तक उनकी मांग पूरी नहीं की जाएगी वे सरसों की खरीद नहीं करेंगे। वहीं मार्केट कमेटी सचिव परमजीत नांदल ने कहा कि खरीद को लेकर पुख्ता प्रबंध हैं। फिलहाल मंडी में सरसों की आवक नहीं है और आवक होने पर नमी अनुसार की सरकारी खरीद शुरू कर दी जायेगी।