सभी के लिए अलग है भगवान श्री कृष्ण के मायने।

आखिरकार कृष्ण में क्या गुण थे? क्या वो ईश्वर के रूप में थे इसलिए ही उनके जैसा कोई नहीं। क्या था उनमें ऐसा?

सभी के लिए अलग है भगवान श्री कृष्ण के मायने।

Delhi : (Rakesh Kumar) || आज भगवान श्री कृष्ण का जन्मदिवस है जिसे पूरी दुनिया आज कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मना रही है। सामज के सभी वर्गो के लिए कृष्ण के मायने अलग अलग है कोई कृष्ण को भगवान अवतरित माता देवकी पुत्र के रूप में देखते है। तो कोई इश्वर के रूप में कोई प्रेम के उदाहरण के रूप में देखता है तो कोई राजनीतीज्ञ के रूप में किसी के लिए नैतिकतावाद है कृष्ण तो किसी के लिए राजनीतिज्ञ है।

आखिरकार कृष्ण में क्या गुण थे? क्या वो ईश्वर के रूप में थे इसलिए ही उनके जैसा कोई नहीं। क्या था उनमें ऐसा? 

कृष्ण की सबसे बड़ी शक्ति में उनकी वाख्यान्न शक्ति ,तर्क कुशलता, नीतिगत निपुणता, अतीत स्मृति और भविष्य के प्रति दृष्टिकोण उन्हें अलग बनाती है । 

महाभारत जहां पूरे जगत के लोगो के पात्रों का उल्लेख है जो लोग महाभारत को देख वा समझ चुके है उन्हें ये भाली भांति ज्ञात है कि महाभारत के पात्रों की तरह ही आज के सामाज में लोग आपसे मिलेंगे उन्हें समझने के लिए एक मात्र भागवत गीता ही है जो हमें सब कुछ ज्ञात करवा देता है आपके सारे समस्या का हल भागवत गीता ही सकता है। 

आज के समाज को आवश्यकता है कृष्ण के ज्ञान को समझे वा अपने जीवन में उतार कर अपना जीवन सही वा गलत का फर्क करके जी सके।