भगवान् श्री कृष्ण का जन्मोत्सब मथुरा जन्मभूमि के भागवत भवन में बड़े धूम धाम और लाखों भक्तो की नजरों के सामने मनाया गया जन्माष्टमी

.उनको लग रहा था की हम साक्षात् जैसे अपने बेटे का जन्म दिन मनाते है उशी तरह से यहाँ पर भगवान् कृष्ण के जन्मोत्सब को मनाया जा रहा है और ऐसा अलोकिक आनंद आज से पहले कभी नहीं मिला है और आगे से हम हर जन्मास्टमी मथुरा मैं ही मनायेंगे

भगवान् श्री कृष्ण का जन्मोत्सब मथुरा  जन्मभूमि के भागवत भवन में बड़े धूम धाम और लाखों भक्तो की नजरों के सामने मनाया गया  जन्माष्टमी

 भगवान् श्री कृष्ण का जन्मोत्सब मथुरा  जन्मभूमि के भागवत भवन में बड़े धूम धाम और लाखों भक्तो की नजरों के सामने मनाया गया जिसे देख भक्त एक दम कृष्ण की भक्ति में सराबोर हो उठे और हर तरफ बस जन्मदिन की खुशियां ही खुशियां दिखाई दे रही थी लोग दर्शन का आनंद ले रहे थे और कान्हा की जय जय कार करते हुए उत्साहित थे।  भगवान कृष्ण की जन्म भूमि पर जन्मास्टमी बड़ी धूमधाम से मनाई गई  जिसमे  भगवान के जन्म  के समय मंदिर में घंटे घडियाल बजने लगे और कान्हा के जन्म हुआ उसके बाद  (कृष्ण जी )का   किया गया पंचामृत  से अभिषेक किया गया और मन्त्रों के जाप से सारा बाताबरण भक्तिमय  हो गया और फूलों की बारिश होने लगी विधि विधान से पूजा अर्चना की गई और कान्हा की आरती की गई जबकि  यहाँ पर आये सभी महिला और पुरुष अपने आप को आज की जन्मास्टमी के पावन  पर्व पर भगवान् के अभिषेक और जन्म के  दर्शन कर धन्य हो गए.दूर दूर से आये भक्त यहाँ आकर जन्मास्टमी  मनाते है और भगवान् के दर्शन करते है .उनको लग रहा था की हम साक्षात् जैसे अपने बेटे का जन्म दिन मनाते है उशी तरह से यहाँ पर भगवान् कृष्ण के जन्मोत्सब को मनाया जा रहा है और ऐसा  अलोकिक आनंद आज से पहले कभी नहीं मिला है और आगे से हम हर जन्मास्टमी मथुरा मैं ही मनायेंगे ऐसी कृपा हम पर करें जैसे ही 12 बजे वैसे ही  नन्द लाल का जन्म  हुआ बैसे ही पूरे मंदिर परिसर में भक्तों का हजूम उमड़ पड़ा तथा सभी लोगों ने भगवान के जय जय कार के साथ ही इस आनंद को उस समय ओर दोगुना कर दियाजब भगवान की जन्म की बधाइयाँ गाने लगे जिनपर आये श्रधालूं जोर जोर से नाचते गाते हुए इस आनंद को ह़र तरह से अपना कर लेना चाहते थे क्यूँ की  उस के जन्म दिन की बधाइयों प़र नाच रहे थे जो की पूरी दुनिया को अपने इशारों प़र नचाता  है ओर मौका जब भगवान के जन्मोत्सव का है तो फिर भला कोई पीछे क्यूँ रहे श्रृंगार के दर्शन के वाद  हुयी  महाआरती  जिसे भगवान के जन्म की आरती कहा जाता है साल भर मैं आज होने वाली ये आरती जिसके दर्शन मात्र से ही कट जाते है सारे संकट