गुरुकुलों के लिए वरदान बना संस्कृति संस्कृत मिलेगी 12वीं तक की मान्यता...

Sanskriti Sanskrit will be a boon for Gurukuls will get recognition till 12th

गुरुकुलों के लिए वरदान बना संस्कृति संस्कृत मिलेगी 12वीं तक की मान्यता...

Gurugram (Sanjay Khanna) : हरियाणा संस्कृत अकादमी ने गुरुग्राम में आज राष्ट्रीय स्तर पर 'संस्कृति-संस्कृत संगम' कार्यक्रम का आयोजन किया। संस्कृत विद्वानों के महाकुंभ बने इस कार्यक्रम में प्रदेश भर से सभी गुरुकुलों, संस्कृत महाविद्यालय संचालकों के साथ संस्कृत अध्यापक शामिल हुए,इस कार्यक्रम में मुख्यातिथि विश्व हिन्दू परिषद् के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक दिनेश चन्द्र रहे।

अकादमी निदेशक डॉ. दिनेश शास्त्री ने बताया कि अकादमी का प्रमुख उद्देश्य प्रदेश में संस्कृत का माहौल पैदा करना है। धन के अभाव में मृतप्राय हो चुके संस्कृत संस्थानों को हरियाणा सरकार के मार्गदर्शन में मजबूत आधार देने का काम अकादमी ने किया है। गुरुकुलों का उत्थान हमारी प्राथमिकता में शामिल है।गुरुकुलों को कोई कमी न रहे, इसके लिये सामाजिक संस्थाओं को गोद दिलाएंगे।इसके लिए बाकायदा कमेटी का गठन किया जाएगा। अगस्त-सितंबर माह में संस्कृति से जुड़े राज्य स्तरीय खेलकूद की प्रतियोगिता करवाई जाएगी।संस्कृत सिखाने के लिए कौशल केंद्रों की प्रदेशभर में स्थापना की जाएगी।

केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में निदेशक (केंद्रीय योजनाएं) प्रोफेसर आर. जी. मुरली कृष्ण ने कहा कि विश्वविद्यालय के पास राशि आप लेने वाले बने। 13 प्रकार की योजनाएं संस्कृत संस्थानों के विकास के लिए है। फिलहाल 25 गुरुकलों को मान्यता प्रदान की गई है।शिक्षा बोर्ड के वाइस चैयरमेन वीपी यादव ने कहा कि गुरुकुलों की मांग रही है कि बोर्ड से उन्हें 6 से 8 तक की मान्यता मिले। शिक्षा बोर्ड उन्हें 12वीं तक मान्यता प्रदान करने का काम करेगा।