नौकरी के लिए लड़ेंगे आर-पार की लड़ाई...

चरखी दादरी। पिछले करीब दो माह से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे बर्खास्त पीटीआई नौकरी बहाली को लेकर अब आर-पार की लड़ाई लडऩे के मूढ में हैं। धरने पर उन्होंने रोष प्रदर्शन करते हुए फैसला लिया कि ना झुकेंगे और ना पीछे हटेंगे। अब जनआंदोलन के रूप में लड़ाई लड़ेंगे।

नौकरी के लिए लड़ेंगे आर-पार की लड़ाई...

चरखी दादरी (प्रदीप साहू) || चरखी दादरी। पिछले करीब दो माह से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे बर्खास्त पीटीआई नौकरी बहाली को लेकर अब आर-पार की लड़ाई लडऩे के मूढ में हैं। धरने पर उन्होंने रोष प्रदर्शन करते हुए फैसला लिया कि ना झुकेंगे और ना पीछे हटेंगे। अब जनआंदोलन के रूप में लड़ाई लड़ेंगे। इस दौरान भाजपा के पूर्व विधायक सुखविंद्र मांढी समर्थन में पहुंचे और सीएम से मिलकर समाधान करवाने का आश्वासन दिया।

बता दें कि सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रदेश के 1983 पीटीआई को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था। जिसके बाद ये नौकरी बहाली की मांग को लेकर जिला स्तर पर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। चरखी दादरी में लघु सचिवालय के समक्ष धरने पर बर्खास्त पीटीआई अनिश्चितकालीन धरने पर डटे हैं। यहां उन्होंने सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन करते हुए वायदा खिलाफी का आरोप लगाया। धरने की अगुवाई करते हुए शारिरिक शिक्षक संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष धर्मेंद्र पहलवान व सुनील देवी ने कहा कि सरकार की कारगुजारियों के चलते आज वे बेघर हो गए हैं। उनका रोजकार छीनने वाली सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। धरने पर समर्थन देने पहुंचे भाजपा के पूर्व विधायक सुखविंद्र मांढी ने कहा कि यह लड़ाई अब 1983 की नहीं बल्कि 1984 की है। क्योंकि वे स्वयं उनके समर्थन में आ गए हैं और उनकी लड़ाई में साथ रहेंगे। इस मामले को लेकर वे स्वयं सीएम से मिलकर समाधान करवाने का प्रयास करेंगे।