गर्भवती महिलाओं की डाइट पर डाला जा रहा डाका

पीएमएसएमए योजना के तहत दादरी के सिविल अस्पताल में माह के 9, 10 व 23 तारीख को गर्भवती महिलाओं के चैकअप का कैंप लगाया जाता है। योजना के तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा गर्भवती महिलाओं का चैकअप करने के बाद दवाइयों के साथ-साथ पौष्टिक आहार भी दिया जाता है। बावजूद इसके गर्भवती महिलाओं को पांच माह से डाइट नहीं दी गई।

चरखी दादरी। सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं को दी जाने वाली डाइट पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा डाका डाला जा रहा है। पीएमएसएमए योजना के तहत पिछले पांच माह से गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार नहीं मिलना स्वास्थ्य विभाग में गोलमाल की ओर इशारा कर रहा है। वहीं इस मामले मंे स्वास्थ्य अधिकारियों ने जानकारी नहीं होने की बात कही है। उधर पूरे मामले को लेकर सीएमओ ने जांच के आदेश देते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है।

बता दें कि पीएमएसएमए योजना के तहत दादरी के सिविल अस्पताल में माह के 9, 10 व 23 तारीख को गर्भवती महिलाओं के चैकअप का कैंप लगाया जाता है। योजना के तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा गर्भवती महिलाओं का चैकअप करने के बाद दवाइयों के साथ-साथ पौष्टिक आहार भी दिया जाता है। बावजूद इसके गर्भवती महिलाओं को पांच माह से डाइट नहीं दी गई। चैकअप करवाने पहुंची गर्भवती महिलाओं ने भी बताया कि उनको चैकअप के बाद आयरन की गोलियां देकर भेज दिया जाता है। उन्हें अब तक चैकअप के दौरान कोई पौष्टिक आहार नहीं दिया है। विभागीय सूत्रों की मानें तो पीएमएसएमए योजना के तहत पौष्टिक आहार सिर्फ कागजों तक सीमित है और जांच की जाए तो बड़ा गोलमाल सामने आ सकता है।

सिविल अस्पताल में चैकअप करवाने पहुंची गर्भवती वर्षा देवी, ज्योति व मनीषा ने बताया कि उनको कभी पौष्टिक आहार नहीं मिला, वे कई बार कैंप तिथि पर ही अस्पताल आई हैं। उनका सिर्फ चैकअप होता है और आयरन की गोलियां दे दी जाती हैं। योजना की नोडल अधिकारी कमलेश ने भी माना कि पिछले माह से बजट नहीं होने के कारण पौष्टिक आहार नहीं दिया गया है। हालांकि विभाग द्वारा गर्भवती महिलाओं को गुड़ व चना दिया जाता है।

पौष्टिक आहार नहीं मिलने पर लिया संज्ञान, जांच के आदेश दिए

सीएमओ डा. कृष्ण कुमार ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को पीएमएसएमए योजना के तहत पौष्टिक आहार नहीं मिलने की जानकारी संज्ञान में नहीं थी। अब उनको जानकारी मिली है तो जांच के आदेश देते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा जाएगा और उचित कार्रवाई की जाएगी।