चरखी दादरी - खाकी पर उठी उंगली, 10 लाख रुपए लेने और फर्जी एनकाउंटर के लगे आरोप!

चरखी दादरी ||  पुलिस एक बार फिर सुर्खियों में है। प्रेम विवाह करने वाले दंपति को गोली मारने के मामले में आरोपी पक्ष की ओर से पुलिस पर संगीन आरोप लगाए गए हैं। आरोपितों के परिजनों ने पुलिस पर 10 लाख रुपए लेने और फर्जी एनकाउंटर करने के आरोप लगाये। उन्होंने अधिवक्ता संजीव तक्षक की अगुवाई में एसपी से मिलकर फर्जी एंकाउंटर करने के आरोप लगाते हुए मामले में उच्च स्तरीय जांच के साथ दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई करने की मांग की।

चरखी दादरी ||  पुलिस एक बार फिर सुर्खियों में है। प्रेम विवाह करने वाले दंपति को गोली मारने के मामले में आरोपी पक्ष की ओर से पुलिस पर संगीन आरोप लगाए गए हैं। आरोपितों के परिजनों ने पुलिस पर 10 लाख रुपए लेने और फर्जी एनकाउंटर करने के आरोप लगाये। उन्होंने अधिवक्ता संजीव तक्षक की अगुवाई में एसपी से मिलकर फर्जी एंकाउंटर करने के आरोप लगाते हुए मामले में उच्च स्तरीय जांच के साथ दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई करने की मांग की। वहीं परिजन अब कार्रवाई की मांग को लेकर लघु सचिवालय में धरने पर बैठ गए और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए रोष जताया। उधर एसपी ने जांच की बात कही। डीएसपी सुभाष चंद ने दो पुलिस कर्मियों को संस्पेंड करने दी जानकारी दी।

बता दें कि बीते पिछले वर्ष मई माह में चरखी दादरी जिले के गांव उण निवासी युवक ने पड़ाेस के गांव पिलाना रोहतक जिला निवासी युवती के साथ प्रेम विवाह किया था। जिसके बाद नवंबर माह में दोनों पर फायरिंग हुई जिसमें दोनों को गोली लगी थी। इस मामले में बौंद कलां थाना पुलिस ने युवती के पिता सहित कइयों पर गोली चलाने सहित कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। वारदात के एक सप्ताह बाद 18 नवंबर को सीआईए पुलिस की मुठभेड़ में रोहतक जिला के गांव पिलाना निवासी आरोपी सोनू के पैर में गोली लगी थी। पुलिस ने भी दावा किया था कि सबूत मिटाने गये आरोपियों के साथ मुठभेड़ हुई थी| वहीं आरोपितों के परिजनों ने अधिवक्ता संजीव तक्षक की अगुवाई में दादरी एसपी नितिका गहलोत से मुलाकात करते हुए शिकायत सौंपी है। शिकायत में परिजनों ने आरोप लगाया कि उन्होंने तीन अरोपियों को पुलिस के हवाले किया था। लेकिन पुलिस ने रात को खेतों में ले जाकर सोनू पिलाना की आंखों पर पट्टी बांधकर पैर में गोली मारते हुए फर्जी एनकाउंटर किया। इस मामले में दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग की गई। एसपी की ओर कोई ठोस आश्वासन नहीं मिलने पर आरोपी पक्ष के लोगों ने दादरी के लघु सचिवालय परिसर में धरना शुरू कर दिया है।

परिजन संजय पिलाना व संजय साहू ने संयुक्त रूप से बताया कि पुलिस ने समझौता करवाने के नाम पर 10 लाख रुपए लिए थे। वहीं अधिवक्ता संजीव तक्षक ने आरोप लगाया कि पुलिस ने जांच बंद करने के नाम पर उनसे दस लाख रुपये लिए हैं। उन्होंने एसपी को भी पूरे मामले से अवगत करवाया है और जांच की मांग की है। पुलिस द्वारा ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण वे धरने पर बैठने को विवश हुए हैं। उधर मामले को लेकर एसपी नितिका गहलोत से बात की गई तो उन्होंने कैमरे के सामने आने से मना कर दिया और सिर्फ इतना कहा कि मामले की जांच डीएसपी को सौंपी गई है। जांच अधिकारी डीएसपी सुभाष चंद्र ने बताया कि तत्कालीन सीआईए इंचार्ज बलवान सिंह व एएसआई मंजीत ढाका को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं मामले की वे स्वयं जांच करेंगे अगर कोई दोषी मिला तो कार्रवाई की जाएगी।