साइबर सिटी में आदमखोर कुत्तों का आतंक

साइबर सिटी में आदमखोर कुत्तों का आतंक रात गहराते ही बन्द सा हो जाता है सड़क पर बच्चों का निकलना एक महीने में 2700 से ज्यादा डॉग बाइट के मामले आये सामने 1 जनवरी से 31 जनवरी तक 2700 लोगो को कुत्तों ने काटा यानी हर दिन 90 से ज्यादा और हर घण्टे में 4 लोगो को अपना शिकार बना रहे आवारा कुत्ते 100 से 150 लोग रोज पहुच रहे है एंटी रेविज का इंजेक्शन लगवाने हॉस्पिटलो में शहर में आवारा कुत्ते होते जा रहे हैं हमलावर रात को सड़क पर बाइक से निकलना हुआ खतरनाक इन खतरनाक हो चले कुत्तों का शिकार बन रहे घरों में काम करने वाली मेड और गार्ड तमाम शिकायतों के बाद हालात जस के तस

साइबर सिटी गुरुग्राम में आवारा और खूंखार कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। शहर की शायद ही कोई सड़क हो जिस पर कुत्तों का आतंक देखने को न मिले। आवारा कुत्ते सड़क पर पैदल चलने वालो को अक्सर अपना शिकार बनाते है। इसके अलावा दुपहिया वाहन चालकों को भी शिकार बना रहे है, जिससे सड़क हादसों में वृद्धि देखी जा रही है। साइबर सिटी में डॉग बॉइट के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। हालात यह हैं कि रात में सड़कों से बाइक निकालना खतरे से खाली नहीं रह गया है। स्वास्थ्य विभाग की माने तो जनवरी में कुत्ता काटने के 2700 से ज्यादा लोग अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे। अस्पताल में रोजाना 100 से 150 लोग एंटी रेबीज वैक्सीन (एआरवी) लगवाने के लिए आ रहे हैं। यानी 90 से ज्यादा और हर घण्टे 4 लोगो को अपना शिकार बना रहे है आवारा कुत्ते।
सिटी के पॉश इलाको में आदमखोर होते जा रहे कुत्तों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है और आतंक भी ऐसा की पॉश इलाको व शहर की सड़कों पर घूमते यह स्ट्रीट डॉग्स बच्चो, दुपहिया वाहन चालकों, घरों में काम करने वाली मेड ,गार्ड और बुजुर्गो को अपना शिकार बनाने से नही चूक रहे है। आपको बता दे की सड़कों पर घूमते यह कुत्ते अभी तक 100 से 150 लोगो को काट चुके है और नगर निगम या संबंधित विभाग को शिकायत करने के बाद भी कोई समाधान इन खरनाक होते स्ट्रीट डॉग्स का निकलता दिखाई नहीं रहा है। ऐसा नही है की इसकी शिकायत किसीं से न कि गयी हो। संबंधित विभागों से कई बार इसकी गुहार लगाई गई ,लेकिन इन स्ट्रीट डॉग्स को यहां से ले जाने को कोई तैयार ही नही है। अब ऐसे में स्थानीय निवासी जाए तो जाए कहा।
यू तो साइबर सिटी के पॉश इलाको में और सेक्टरों में बच्चों के लिए क्लब बने हुए है, जहाँ बच्चे अपने दादा दादी के साथ अकेले खेलने साइकलिंग करने जाते है, लेकिन इन आवारा कुत्तों ने इन मासूमो से इनका खेलना साइकलिंग तक छुड़वा दिया है। ऐसे में साइबर सिटी का प्रत्येक नागरिक इस वक़्त डर के साये में जरूर जिंदगी जीने को मजबूर है।