भिवानी : राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर पूरे भारत में आज से शुरू हुआ राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान

राष्ट्रीय स्तर पर प्रत्येक 6 महीने में 1 वर्ष से 19 वर्ष तक के बच्चों के स्वास्थ्य को सुधारने के लिए पेट में कीडे़ मारने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के तहत एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाती है।

भिवानी : राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर पूरे भारत में आज से शुरू हुआ राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान

|| Bhiwani || Aditya Kumar || राष्ट्रीय स्तर पर प्रत्येक 6 महीने में 1 वर्ष से 19 वर्ष तक के बच्चों के स्वास्थ्य को सुधारने के लिए पेट में कीडे़ मारने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के तहत एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाती है। जिसका शभांरभ शुक्रवार को राजकीय कन्या सीनियर सैकंडरी स्कूल भिवानी से छात्राओं को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाकर किया गया। 

इस मौके पर कार्यवाहक सिविल सर्जन डा0 सुनील कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम 10 फरवरी से 17 फरवरी तक मनाया जायेगा। जिले में कुल 418955 बच्चे 1 से 19 वर्ष तक को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जायेगी। उन्होने बताया कि जिले में 1282 आंगनवाड़ी है जिसमें 85001 बच्चे है, सरकारी स्कूल 759 में 105514 बच्चे, प्राईवेट स्कूल 459 में 200805 बच्चे, कॉलेज आईटीआई 52 में 25698 बच्चे तथा अन्य स्लम एरिया में 1937 बच्चे है जिनको एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जायेगी। इस प्रोग्राम के तहत एएनएम, आशा वर्कर व आगंनवाड़ी वर्कर घर-घर जाकर जिले के 1 से 19 वर्ष तक के सभी बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोलियां निःशुल्क खिलाई जाएंगी।  
उप सिविल सर्जन डा0 सुमन विश्वकर्मा ने बताया कि 1 वर्ष से 2 वर्ष के बच्चों को आधी गोली जिसका चूरा बनाकर साफ पीने के पानी में मिलाकर खिलाई जायेगी। 2 वर्ष से 3 वर्ष के बच्चे को 1 पूरी गोली चूरा बनाकर साफ पीने के पानी में मिलाकर खिलाई जायेगी तथा 3 वर्ष से 19 वर्ष के बच्चों को गोली अच्छी तरह से चबाकर खिलाई जायेगी। उप सिविल सर्जन ने बताया कि सभी का स्वस्थ होना जरूरी है। स्वस्थ शरीर होगा तभी बच्चों का पढ़ाई में मन लगेगा। इसलिए 1 से 19 वर्ष तक के सभी बच्चों को यह गोली खानी आवश्यक है पेट में कीड़े होने की वजह से बच्चों का शरीरिक व मानसिक विकास रूक जाता है। उन्होने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम से अनेक फायदे होते है जैसे कि स्वास्थ्य और पोषण में सुधार होता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। एनीमिया में नियंत्रण होता है। व्यस्क होने पर कार्य करने की क्षमता में बढ़ोतरी होती है। उन्होने बताया कि कृमि संकृमण के लक्षण होते है जैसे कि दस्त लगना, पेट में दर्द होना, कमजोर होना, उल्टी लगना और भूख न लगना, पढ़ाई में मन न लगना व खून की कमी होना व अन्य परेशानी होना है। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम की शुरूआत 10 फरवरी को है तथा जो बच्चे ऐल्बेंडाजोल की गोली खाने से वंचित रह जायेगें उनके लिए 17 फरवरी को मॉपअप राउंड चलाया जायेगा ताकि जिले के सभी बच्चों को ऐल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जा सके।