अंबाला कोर्ट में आज उस वक्त हंगामा हो गया

अंबाला कोर्ट में आज उस वक्त हंगामा हो गया जब एक युवा वकील की मृत्यु पर संवदेना प्रकट करने के लिए वकीलों ने वर्क सस्पेंड करने का रेसोल्यूशन पास कर दिया। दरअसल राजीव वालिया नाम के एक वकील की मृत्यु हो गई थी। जिसकी संवेदना में अंबाला बार एसोसिएशन ने वर्क सस्पेंड करने का निर्णय लिया। एसोसिएशन के निर्णय को सभी जजों द्वारा भी स्वीकार कर लिया गया। लेकिन अंबाला के डीसी साहब को वकीलों का वर्क सस्पेंड का फैसला पसंद नहीं आया और उन्होंने वकीलों के फैसले को मानने से इंकार कर दिया। वकीलों का कहना है कि डीसी साहब से जब एसोसिएशन के पदाधिकारी मिलने पहुंचे तो उस समय भी डीसी साहब का बर्ताव वकीलों के साथ सही नहीं था।

बार एसोसिएशन के प्रधान जबर चौधरी ने बताया की अपने रेसोलुशन को लेकर जब वो डीसी कार्यालय में गये तो अंबाला के डीसी डॉ० शालीन ने वकीलों के पैनल के साथ बेहद गलत बर्ताव किया और वकीलों के रेसोल्यूशन को मानने से साफ इंकार कर दिया और कहा कि जब मैं मिलने के लिए बुलाऊँ तब आना। वकीलों ने इसे डीसी की तानाशाही करार दिया। जिसके बाद वकीलों ने कोर्ट में रोष स्वरूप मार्क निकालते हुए अंबाला के डीसी के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। डीसी मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए वकीलों ने जमकर अपनी भड़ास निकाली। इस दौरान मौके पर मौजूद अन्य वकीलों ने बताया कि अंबाला बार एसोसिएशन में लगभग 2100 वकील मेम्बर हैं। अगर किसी वकील की मृत्यु हो जाती है तो संवेदना स्वरूप वर्क सस्पेंड कर दिया जाता है। लेकिन आज जब वर्क सस्पेंड कर रेसोल्यूशन डीसी अंबाला को भेजा गया तो उन्होंने इसे मानने से इंकार कर दिया। वकीलों का कहना है कि जिस रेसोल्यूशन को हाईकोर्ट और स्थानीय कोर्ट ने मान लिया अंबाला के डीसी उसे नहीं मान रहे। फिलहाल डीसी अंबाला के व्यवहार को लेकर अंबाला के वकीलों में रोष सातवें आसमान पर है।