चरखी दादरी में लोग कोरोना की बजाए पीने के पानी के संकट से परेशान....

चरखी दादरी। साहब, कोरोना की बजाए पीने के पानी के संकट से परेशान हैं। कड़कड़ाती गर्मी में पीने का पानी ही नसीब नहीं होगा तो वे मर ही जाएंगे। तीन गांवों को सप्लाई देने वाला जलघर के हालात खास्ता हैं। पेयजल सप्लाई नहीं होने से जहां दूर-दूर तक पानी के लिए भटकना पड़ रहा है, वहीं पानी के खरीदकर टैंकर खरीदकर जैसे-तैसे काम चला रहे हैं। अधिकारी सुनते नहीं, राजनेता सूध नहीं लेते। ऐसे में उनके समक्ष लॉकडाउन तो क्या कोई भी नियम तोड़कर आंदोलन करना पड़े तो करेंगे।

चरखी दादरी में लोग कोरोना की बजाए पीने के पानी के संकट से परेशान....

चरखी दादरी (प्रदीप साहू) || यह गांव भैरवी, भीड़ भैरवी व चरखी के ग्रामीणों की आवाज है जो गर्मी में पीने के पानी के लिए भटक रहे हैं और उनको पानी नसीब नहीं हो रहा। गांव भैरवी के ग्रामीणों ने गर्मी के मौसम में पेयजल संकट को लेकर मटके फोड़कर अपना गुस्सा बयां किया। ग्रामीणों ने बताया कि गांव चरखी के जलघर से तीन गांवों में पेयजल की आपूर्ति की जाती है। जलघर के टैंक सूख पड़े हैं, जिन टैंकों में कुछ पानी बचा है, उनमें कुत्ते मरे पड़े हैं और पशुओं की खाल पड़ी है। एक महीने से भी ज्यादा समय से पानी नहीं आया है। ऐसे में ग्रामीण पानी के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। गर्मी में पशुओं को भी पानी नसीब नहीं हो रहा।
ग्रामीण निहाल सिंह, रामनिवास, कमलेश देवी, सावित्री, पूनम इत्यादि ने बताया कि पेयजल समस्या को लेकर अधिकारियों के साथ-साथ विधायक व मंत्री तक गुहार लगा चुके हैं। बावजूद इसके इसकी कोई सूध नहीं ली जा रही है। सीएम विंडो से लेकर संबंधित विभाग के आला अधिकारियों को कई बार दरखास्त लगाई, कुछ समाधान नहीं हुआ। अगर ऐसा ही रहा तो कोरोना की बजाए पानी के संकट से उनकी जान चली जाएगी। ग्रामीणों ने सरकार व अधिकारियों को अल्टीमेटम दिया कि एक सप्ताह में समाधान नहीं हुआ तो वे लॉकडाउन तो क्या किसी भी नियम को तोड़ते हुए जलघर पर ताला जड़कर रोड जाम करेंगे।