नहीं लिया मृतक किसान का शव, शहीद का दर्जा व मुआवजा मांगा महिलाओं संग किसानों ने निकाला रोष मार्च, आर-पार की लड़ाई का ऐलान

ग्रीन कारिडोर 152 डी की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा बढ़ाने की मांग को लेकर दादरी जिले के 17 गांवों के किसान गत 28 फरवरी से धरनों पर बैठे हैं। गत सोमवार को धरने पर आने वाले गांव खातीवास निवासी किसान धर्मपाल की मौत हो गई थी। जिसके बाद से किसानों ने निर्णय लिया कि मृतक किसान को शहीद का दर्जा, आश्रितों को आर्थिक सहायता व नौकरी नहीं मिलेगी तो वे शव को नहीं लेंगे।

नहीं लिया मृतक किसान का शव, शहीद का दर्जा व मुआवजा मांगा महिलाओं संग किसानों ने निकाला रोष मार्च, आर-पार की लड़ाई का ऐलान

चरखी दादरी। ग्रीन कारिडोर की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा बढ़ाने की मांग को लेकर संघर्षरत किसान अब आर-पार की लड़ाई लडऩे के मूढ में हैं। पांच दिन पूर्व धरने पर आने वाले किसान की मौत के बाद किसानों ने अपनी लड़ाई तेज कर दी है। किसानों ने मृतक किसान का शव नहीं लेने का ऐलान करते हुए कहा कि जब तक पीडि़त परिवार को आर्थिक सहायता, शहीद का दर्जा व नौकरी नहीं मिलती, वे पीछे नहीं हटेंगे। अब शनिवार को धरने पर किसान पंचायत बुलाकर बड़ा फैसला लिया जाएगा। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों ने किसानों को आश्वासन दिया,

लेकिन किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। नारनौल से गंगेहड़ी तक बनने वाले ग्रीन कारिडोर 152 डी की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा बढ़ाने की मांग को लेकर दादरी जिले के 17 गांवों के किसान गत 28 फरवरी से धरनों पर बैठे हैं। गत सोमवार को धरने पर आने वाले गांव खातीवास निवासी किसान धर्मपाल की मौत हो गई थी। जिसके बाद से किसानों ने निर्णय लिया कि मृतक किसान को शहीद का दर्जा, आश्रितों को आर्थिक सहायता व नौकरी नहीं मिलेगी तो वे शव को नहीं लेंगे। किसान का शव पांच दिन से रोहतक पीजीआई में रखवाया गया है। जिलेभर के किसान गांव रामनगर में किसानों के धरने पर एकत्रित हुए। धरने पर किसानों के साथ-साथ काफी संख्या में महिलाएं भी पहुंची। यहां से किसान ट्रैक्टरों-ट्रालियों व अन्य वाहनों में सवार होकर दादरी के रोज गार्डन के समीप पहुंचे और जुलूस निकालते हुए शहर में रोष प्रदर्शन किया। प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे किसान नेता विनोद मोड़ी व अनूप खातीवास ने संयुक्त रूप से सरकार व प्रशासन पर किसानों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया। किसानों ने कहा कि सरकार द्वारा उनकी मांगों को पूरा कर दिया जाता तो अब तक चार किसानों की मौत नहीं होती। ऐसे में इस मामले में प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए सरकार को किसानों की मांगों को पूरा करना चाहिए। किसानों ने काफी देर तक लघु सचिवालय के समक्ष बवाल काटा। यहां प्रशासनिक अधिकारियों ने किसानों को समझाने का प्रयास किया और किसान के शव को लेने की बात कही। काफी देर बाद डीसी धर्मबीर सिंह किसानों के बीच पहुंचे और कहा कि सरकार से बातचीत चल रही है। जल्द किसानों की समस्या का समाधान हो जाएगा। वहीं किसानों ने अल्टीमेटम दिया कि अगर जल्द मांगें पूरी नहीं हुई तो शनिवार को धरने पर किसान पंचायत बुलाकर बड़ा फैसला लिया जाएगा।