संयुक्त किसान मोर्चा ने फूंका केंद्र व उत्तर प्रदेश सरकार का फूतला

दोनों सरकारों का पुतला फूंकने से पहले विभिन्न किसान संगठनों की एक सभा हुई, जिसकी अध्यक्षता अखिल भारतीय किसान सभा से नरेन्द्र धनाना, ग्राम स्वराज किसान मोर्चा से राजसिंह घणघस, आल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन से सुखबीर सिंह, युवा कल्याण संगठन से कमल सिंह प्रधान, जय किसान संगठन से युद्धवीर सिंह अहलावत व जाटू खाप से कुलदीप धनाना ने संयुक्त रूप से की।

भिवानी || संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर मंगलवार को विभिन्न किसान संगठनों ने मिलकर लखीमपुर खीरी के पांच शहीद किसानों की निर्मम हत्या करने की साजिश रचने वाले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टैनी को तुरंत पद से हटाकर गिरफ्तार करने तथा हत्या के दोषी उनके बेटे अशीष मिश्रा टैनी को पुन: गिरफ्तार करने की मांग को लेकर विरोध स्वरूप केंद्र व उतर प्रदेश राज्य सरकार का स्थानीय लघु सचिवालय भिवानी के सामने पुतला फूंका। दोनों सरकारों का पुतला फूंकने से पहले विभिन्न किसान संगठनों की एक सभा हुई, जिसकी अध्यक्षता अखिल भारतीय किसान सभा से नरेन्द्र धनाना, ग्राम स्वराज किसान मोर्चा से राजसिंह घणघस, आल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन से सुखबीर सिंह, युवा कल्याण संगठन से कमल सिंह प्रधान, जय किसान संगठन से युद्धवीर सिंह अहलावत व जाटू खाप से कुलदीप धनाना ने संयुक्त रूप से की। मंच संचालन किसान सभा के कामरेड ओमप्रकाश ने किया।

किसानों को संबोधित करते हुए सभी वक्ताओं ने केंद्र सरकार व उतर प्रदेश सरकार पर आरोप लगाए कि वे लखीमपुर खीरी के शहीद किसानों नछतर सिंह, दलजीत सिंह, गुरविंद्र सिंह लवप्रीत सिंह व पत्रकार रमन कश्यप के हत्यारों को बचा रही है। 3 अक्तूबर 2021 को किसान आंदोलन के दौरान लखीमपुर खीरी में केद्रीय गृह राज्य मन्त्री अजय मिश्रा टैनी के बेटे आशीष मिश्रा व उसके साथियों ने निहत्थे किसानों पर पीछे से गाडिय़ां चढ़ा दी। परिणामस्वरुप उपरोक्त पांच किसान मौके पर ही शहीद हो गये। इस बर्बर हत्याकांड से देश स्तब्ध रह गया तथा पूरे देश के किसानों में जबरदस्त आक्रोश पैदा हो गया, परंतु केन्द्र सरकार ने एसआईटी उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा इस कांड के लिए अजय मिश्रा टैनी व उसके बेटे आशीष को जिम्मेवार ठहराने के बाद भी उनके विरुद्ध कठोर कानूनी कार्यवाही नहीं हुई। बल्कि बेकसूर निहत्थे किसानों को जेल में डाल दिया। उन्होंने कहा कि किसानों के हत्यारों के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्यवाही को लेकर रोष जताकर पुतला दहन किया गया है।