आईआरएस ताऊ की भतीजी मानसी ने अधिकारी बन परिवार का बढ़ाया मान

मानसी दहिया ने यूपीएससी की परीक्षा पास करते हुए 178वां रैंक हासिल किया है। दिन में 7-8 घंटे पढ़ाई करने वाली मानसी दहिया ने खुद पर विश्वास रखते हुए मन लगाकर पढ़ाई करने को सफलता का मूलमंत्र

सोनीपत || सोनीपत के सेक्टर 23 की रहने वाली मानसी दहिया ने यूपीएससी की परीक्षा के दूसरे प्रयास में 178 वां रैंक हासिल कर सोनीपत का नाम रोशन किया है मानसी दहिया प्रतिदिन 7 से 8 घंटे की पढ़ाई करती थी और वही मानसी ने सातवीं कक्षा में एक अधिकारी दवारा बताई गई अधिकारी की शक्तियों से प्रेरित होकर यूपीएससी में जाने का निर्णय किया था और उसी की बदौलत है  अफसरों के परिवार की बेटी ने भी विरासत रूपी अफसर शाही को बरकरार रखा है ।तीसरी पीढ़ी के रूप में मानसी दहिया द्वारा यूपीएससी में 178 वां रैंक हासिल करने पर मिठाइयां बांटी जा रही है।
अफसरों के परिवार का असर इस कदर हुआ कि बेटी ने भी अफसर बनने की ठान ली। पहले प्रयास में सफलता हाथ नहीं लगी तो निराश नहीं हुई, बल्कि मेहनत ही बढ़ा दी। मेहनत काम कर गई और अब अफसरों के परिवार की बेटी भी अफसर बन गई है। हम बात कर रहे हैं सेक्टर 23 की रहने वाली मानसी दहिया की। हिंदू विद्यापीठ से स्कूली पढ़ाई पूरी करने वाली मानसी दहिया का परिवार मूल रूप से गांव सेहरी का रहने वाला है, हालांकि काफी समय से परिवार सेक्टर 23 में ही रहता है। मानसी दहिया ने यूपीएससी की परीक्षा पास करते हुए 178वां रैंक हासिल किया है। दिन में 7-8 घंटे पढ़ाई करने वाली मानसी दहिया ने खुद पर विश्वास रखते हुए मन लगाकर पढ़ाई करने को सफलता का मूलमंत्र बताया है। 

जानकारी के मुताबिक मानसी का परिवार अफसरों का परिवार है। मानसी के दादा अमर सिंह के भाई भीम सिंह दहिया रेवेन्यू कमिश्नर रहे हैं। वहीं मानसी के ताऊ और भीम सिंह के बड़े बेटे एलकेएस दहिया भी आईआरएस रह चुके है। अब तीसरी पीढ़ी में मानसी दहिया ने भी अफसर बनकर दिखाया है। मानसी के पिता कर्मबीर सिंह दहिया गुरुग्राम की एक मल्टी नेशनल कंपनी में बतौर ड्राफ्ट्समैन काम करते हैं, जबकि माता राधा देवी दिल्ली में एसएसए में कांट्रेक्ट बेस पर नौकरी करती हैं। मानसी ने अपनी पढ़ाई में अपनी माता राधा देवी का सबसे बड़ा हाथ बताया। वहीं बुआ रश्मि के बूस्टअप को भी याद किया। दूसरी ओर मानसी के यूपीएससी की परीक्षा पास करने के बाद पूरे परिवार में खुशी का माहौल है, घर पर बधाई का तांता लगा हुआ है। 
मानसी के पिता कर्मबीर सिंह दहिया बताते हैं कि मानसी रात-रात भर पढ़ाई करती थी। जब वो देखते थे कि मानसी देर रात तक पढ़ रही है और फिर सुबह 4 बजे उठकर फिर से पढ़ना शुरू कर देती है तो वे खुद मानसी के लिए चाय बनाया करते थे। कर्मबीर सिंह ने अपनी बेटी की कामयाबी पर गर्व जाहिर करते हुए कहा कि सच ही कहा जाता है कि अब बेटियां बेटों से कम नहीं है। हमारी बेटी ने भी हमारा और पूरे परिवार का नाम रोशन कर दिखा दिया है कि बेटियां कम नहीं है। 

मानसी को अधिकारी बनने की प्रेरणा उस समय मिली थी, जब वो सातवीं कक्षा में थी। स्कूल में कार्यक्रम के तहत एक अधिकारी आए हुए थे, अपने भाषण में अधिकारी ने जब एक अधिकारी की पावर के बारे में बताया तो मानसी काफी उत्साहित हो गई। उसके बाद से ही मानसी ने ठान लिया था कि उसे भी अधिकारी बनना है। इसी कोशिश में उसने 2021 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी थी, बात नहीं बनी तो फिर से 2022 में परीक्षा दी, लेकिन इस बार पूरी तैयारी के साथ परीक्षा दी और दूसरे ही प्रयास में परीक्षा पास कर अधिकारी बनने का सपना पूरा किया। 
मानसी ने अपनी सफलता का राज बताते हुए कहा कि किसी भी तरह की सफलता विशेषतौर पर पढ़ाई से संबंधित सफलता पाने के लिए सोशल मीडिया से सोशल डिस्टेंसिंग रखनी बेहद जरूरी है। मानसी ने बताया कि ढाई साल हो गए थे सोशल मीडिया से ऐसी तौबा कर रखी थी कि कभी कोई भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म खोल कर नहीं देखा। इतना ही नहीं उसने रिश्तेदारों और दोस्तों से भी दूसरी बना ली थी। उसका फोक्स सिर्फ पढ़ाई पर ही था। भाई अंकित दहिया, भाभी आंचल रानी दहिया ने बताया कि मानसी अपनी पढ़ाई को लेकर पूरी तरह से फोक्स थी, इसी वजह से आज वो सफल हो पाई है।