बारिश से तालाब बनी साइबर सिटी, एनएच 48 से लगती सर्विस लेन में भारी जल भराव

शहर का कोई ऐसा इलाका नही जहां बरसात का पानी जमा न हो। सुबह हुई मूसलाधार बारिश के चलते लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं अगर बात करे मौसम विभाग की तो मौसम विभाग ने पहले ही चेतावनी जारी कर दी कि 25 जून से प्रिमानसून की बरसात होगी। लेकिन जिला प्रशाशन से इस ओर कोई ध्यान नही दिया।

गुरुग्राम || सुबह से हो रही भारी बारिश के चलते साइबर सिटी के एनएच 48 के साथ लगते इलाकों के साथ दर्जनों इलाके बरसाती पानी मे डूब गए। जिसमें  एनएच 48 से लगते नरसिंहपुर, रामपुरा, मानेसर, बिलासपुर के इलाके शामिल है। जहाँ भारी बारिश के बाद आम लोगों को जल भराव जैसी स्थिति से दो चार होना पड़ रहा है। इतना ही नहीं इस बरसात ने जिला प्रशाशन के तमाम दावों की भी पोल खोल कर रख दी है जो यह कहते नहीं थक रहे थे की इस बार बरसात में जल भराब नहीं होगा। हालांकि तीन दिन पहले हुई बरसात के बाद केंद्रीय मंत्री एवम गुरुग्राम के सांसद राव इंद्रजीत ने तमाम अधिकारियों के साथ मीटिंग कर जल भराव की सिथित का जायजा लिया था और निर्देश दिए थे कि बरसाती पानी की निकासी का उचित प्रबंध किया जाए। लेकिन वही ढाक के तीन पात वाली स्थिति आज हुई बरसात के दौरान भी देखने को मिली। जगह-जगह जल भराव से आम जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया।

मानसून की पहले बारिश ने जनजीवन को अस्तव्यस्त कर के रख दिया है। दिल्ली जयपुर एक्सप्रेक्सवे हो या फिर पुराना ओर नया गुरुग्राम हर इलाके में पानी ही पानी नजर आ रहा है। शहर का कोई ऐसा इलाका नही जहां बरसात का पानी जमा न हो। सुबह हुई मूसलाधार बारिश के चलते लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं अगर बात करे मौसम विभाग की तो मौसम विभाग ने पहले ही चेतावनी जारी कर दी कि 25 जून से प्रिमानसून की बरसात होगी। लेकिन जिला प्रशाशन से इस ओर कोई ध्यान नही दिया। बरसात से पहले प्रशाशन को ड्रेनेज की सफाई के साथ-साथ सीवरों की सफाई भी करवानी थी, लेकिन साइबर सिटी में अभी तक सफाई का काम भी शुरू नही हुआ है, जिसका नतीजा बरसात में आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। साइबर सिटी में जल भराव की समस्या से जूझ रहे लोगों में प्रशाशन के प्रति गहरा रोष व्याप्त हो गया है। 
वही इस बारिश के बाद मौसमी बीमारियों का खतरा और ज्यादा परेशान करने वाला है। ऐसे में यह बारिश राहत की बारिश के तौर पर कम, आफत की बारिश के तौर पर ज्यादा देखी जा रही हैं।