हरेरा ने बिल्डरों द्वरा ग्राहकों के पैसे के गलत इस्तेमाल पर लगाई रोक...

हरियाणा में बीते लंबे समय से चल रही बिल्डरों की मनमानी पर नकेल कसने के लिए गुरुग्राम में हरेरा चेयरमैन केके खंडेलवाल ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है ,इस फैसले में अब से कोई भी बिल्डर अपने प्रोजेक्ट की जमीन पर किसी प्रकार का लोन नही ले पाएगा ,जिससे सीधे तौर पर जमीन का मालिक और उस जमीन पर बनने वाले फ्लैट खरीदार का पैसा और जमीन के मालिक की जमीन दोनों ही अब से सुरक्षित रहेंगी |

हरेरा ने बिल्डरों द्वरा ग्राहकों के पैसे के गलत इस्तेमाल पर लगाई रोक...

गुरुग्राम (संजय खन्ना) || बीते 20 सालों में गुरुग्राम बिल्डरों का हब बनता जा रहा है ,जहां पर छोटे से ले कर बड़े बिल्डर प्रोजेक्ट बनाकर बेचते आए हैं और इसी खरीद-फरोख्त के बीच बहुत से खरीददारों और जमीन के असल मालिकों के साथ फ्रॉड के मामले भी सामने आए हैं | इसको लेकर हरेरा चेयरमैन केके खंडेलवाल ने यह साफ कर दिया है कि अब से कोई भी बिल्डर किसी भी किसान की जमीन पर लोन नहीं ले सकेगा और अगर लोन लेगा तो उसकी भरपाई वह खुद करेगा |  दूसरी बात जब तक कि प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो जाता तब तक कोई भी बिल्डर प्रोजेक्ट के नाम पर किसी भी तरह का कोई लोन नहीं ले सकेगा |

इससे पहले बिल्डर किसान की जमीन पर कोलोब्रेशन के नाम पर एक एग्रीमेंट करता था और बैंक से उस जमीन पर लोन ले लेता था और साथ ही साथ जो प्रोजेक्ट वहां तैयार होना होता है उस प्रोजेक्ट के नाम पर भी बैंक से सांठगांठ कर लोन ले लेता था | अगर वहां पर प्रोजेक्ट समय सीमा के अनुसार पूरा नहीं होता था तो ऐसे में बैंक पूरे प्रोजेक्ट को टेकओवर कर उसकी नीलामी में जुट जाता था | सीधे तौर पर इसका खामियाजा किसान और फ्लैट खरीदार को होता था क्योंकि इतने बड़े हिस्से को किसान खुद नहीं बना सकता और फ्लैट खरीदार अपने लिए भी एक बिल्डिंग तैयार नहीं कर सकता | ऐसे में बिल्डर अपनी मनमानी कर किसान की मजबूरी का फायदा उठाते हुए उसकी जमीन पर लोन लेकर बैंक के हवाले कर देता था और उस वजह से ना तो वह जमीन बिल्डर की होती थी और ना ही किसान की और उसकी नीलामी के दौरान बैंक उसका मालिक बन जाता था | ऐसे में इन मामलों की लगातार हरेरा विभाग को शिकायतें मिल रही थी ,जिसके चलते अब यह फैसला लिया गया है कि अब कोई भी बिल्डर किसी किसान के साथ अगर कोलोब्रेशन कर कोई प्रोजेक्ट तैयार करता है तो उस पर लोन वह नहीं ले सकेगा बल्कि वह अपने दम पर बैंक से लोन लेगा और समय सीमा के अनुसार उस प्रोजेक्ट को पूरा कर फ्लैट खरीदा और किसान के साथ तय की गई डील को पूरा करने का काम करेगा |

अगर कोई फ्लैट खरीदार किसी भी प्रोजेक्ट में फ्लैट बुक करता है और अपनी किश्त समय रहते अदा करता है तो ऐसे में बिल्डर की जिम्मेवारी होगी कि अपने प्रोजेक्ट को समय से पूरा करें और अगर पूरा नहीं कर पाता है तो जितने समय तक उसका प्रोजेक्ट लेट होगा वह उसके खरीदार के पैसे का ब्याज भी देगा | जिससे कि सीधे तौर पर खरीदार का पैसा अब हर सूरत में सुरक्षित रहेगा | हालांकि हरेरा विभाग द्वारा लिया गया यह फैसला किसान और फ्लैट खरीदार के पक्ष में नजर आ रहा है मगर इस फैसले के बाद बिल्डर कोई नए दांवपेच लगाकर अब इन फ्लैट खरीदार और किसानों के साथ किसी प्रकार का फ्रॉड नहीं करेंगे यह तो आने वाला समय ही बता पाएगा