फतेहाबाद में कोरोना काल में बीमार हुआ स्वास्थ्य विभाग...

कोरोना काल में बीमार हुआ स्वास्थ्य विभाग, वेंटिलेटर पर स्वास्थ्य सेवाएं, चिकित्सकों के 42 में से 25 पद खाली, मात्र 17 चिकित्सक ही तैनात, कई विशेषज्ञ डॉक्टरों भी नहीं है अस्पताल में, फिजिशियन, रेडियोलोजिस्ट, आर्थो, मनोरोग विशेषज्ञ नहीं है अस्पताल में, अस्पताल में तैनात 17 चिकित्त्सकों में कोई छुट्टी पर तो किसी की कोविड में लगी है ड्यूटी, अस्पताल में आने वाले मरीजों को हो रही है परेशानी

फतेहाबाद में कोरोना काल में बीमार हुआ स्वास्थ्य विभाग...

फतेहाबाद (सतीश खटक) || कोरोना काल में जहां हर आम और खास अपनी सेहत को लेकर चिंतित नजर आ रहा है वहीं इन दिनों स्वास्थ्य विभाग स्वयं बीमार नजर आ रहा है। नागरिक अस्पताल में चिकित्सकों की कमी के कारण स्वास्थ्य सेवाएं वेंटिलेटर पर दिखाई दे रही हैं। जिला मुख्यालय के नागरिक अस्पताल में यूं तो विशेषज्ञों सहित 42 चिकित्सकों के पद स्वीकृत हैं, मगर हालत यह है कोरोना काल जैसी विपरित परिस्थितियों में भी यहां केवल 17 चिकित्सक ही काम कर रहे हैं।

किसी भी अस्पताल के लिए फिजिशियन एमडी मेडिसन जिसे आम भाषा सामान्य रोग विशेषज्ञ कहा जाता है, किसी भी अस्पताल के लिए रीढ़ की हड्डी होते हैं, मगर हैरानीजनक बात है कि फतेहाबाद के नागरिक अस्पताल में फिजिशियन ही नहीं है। इसके साथ ही मुख्यालय पर न तो आर्थो सर्जन है, न ही रेडियोलॉजिस्ट, न ही मनोरोग विशेषज्ञ। वहीं महिला रोग विशेषज्ञ कोविड पॉजिटिव होने के बाद से ड्यूटी पर नहीं है, चर्म रोग एवं यौन रोग विशेषज्ञ भी पिछले कई दिनों से अवकाश पर चल रही हैं। शेष चिकित्सकों में से अधिकांश ड्यूटी कोविड पर हैं। ऐसे में अंदाजा लगाना कोई मुश्किल काम नहीं है कि नागरिक अस्पताल में आने वाले लोगों को किस कदर मुश्किलों का सामना करना पड़ता होगा। रेडियोलॉजिस्ट न होने के कारण यहां अल्ट्रासाऊंड के लिए आने वाले लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने आऊटसोर्स पर एक चिकित्सक नियुक्त किया हुआ है, मगर मरीजों की संख्या के आगे यहां भी चिकित्सक की कमी खलती है। विभाग के अनुसार चिकित्सकों की कमी के लिए वे कई बार विभाग को लिख चुके हैं, मगर चिकित्सकों की कमी पूरी नहीं हो रही है। यह केवल फतेहाबाद के नागरिक अस्पताल की तस्वीर थी, कमोवेश जिले के अन्य नागरिक अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी हालत कुछ ऐसे ही हैं।