अपनी मांगों को लेकर उपवास पर बैठे गेस्ट टीचरों ने अपने उपवास किया खत्म

शिक्षा मंत्री ने बातचीत के लिए बुलाया हमारी करीब 40 मिनट तक विभिन्न मुद्दों पर शिक्षा मंत्री से बातचीत हुई। सबसे पहले हमारी मुख्य मांग जो  नियमितीकरण की है इसको लेकर शिक्षा मंत्री ने कुछ दिन पहले एक बयान दिया था कि उन्हें रेगुलर नहीं किया जा सकता इसको लेकर भी हमने खंडन किया।वहीं शिक्षा मंत्री ने इस बात को लेकर अपना स्पष्टीकरण दिया कि आपकी बात करूंगा।

यमुनानगर || अपनी मांगों को लेकर गेस्ट टीचर्स ने आज अनोखे ढंग से शिक्षा मंत्री के सामने रखा अपना पक्ष। अपनी मांगों को लेकर किया उपवास। दरअसल लंबे समय से गेस्ट टीचर्स नियमित करने की मांग को लेकर और अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर चुके हैं। कई बार की बातचीत के बाद भी कोई अधिकारिक रूप से पत्र जारी नहीं किया गया। जिसके चलते आज अतिथि अध्यापक संघ के बैनर तले संघ के पदाधिकारियों ने शिक्षा मंत्री के गृह क्षेत्र में उपवास पर बैठे। शिक्षा मंत्री कवँरपाल गुर्जर से बातचीत और आश्वासन के बाद गेस्ट टीचर्स ने अपना उपवास खत्म किया। इस दौरान शिक्षा मंत्री ने चंडीगढ़ में शिक्षा विभाग के और उच्च अधिकारियों से इस विषय में फोन पर बातचीत की और गेस्ट टीचर्स को भरोसा दिलाया कि वह मुख्यमंत्री से इस बारे में विस्तार से बातचीत करेंगे और उनका अधिकारिक पत्र जारी करवाने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए 5 जुलाई को चंडीगढ़ में इनके प्रतिनिधिमंडल को बुलाया गया है।

अतिथि अध्यापक संघ के राज्य मीडिया प्रभारी राधा कृष्ण ने बताया कि आज हरियाणा के जो गेस्ट टीचर के पदाधिकारी यमुनानगर में उपवास पर बैठे थे । शिक्षा मंत्री ने बातचीत के लिए बुलाया हमारी करीब 40 मिनट तक विभिन्न मुद्दों पर शिक्षा मंत्री से बातचीत हुई। सबसे पहले हमारी मुख्य मांग जो  नियमितीकरण की है इसको लेकर शिक्षा मंत्री ने कुछ दिन पहले एक बयान दिया था कि उन्हें रेगुलर नहीं किया जा सकता इसको लेकर भी हमने खंडन किया।वहीं शिक्षा मंत्री ने इस बात को लेकर अपना स्पष्टीकरण दिया कि आपकी बात करूंगा। और अगर पूर्व में भी टीचर्स को नियमित किया गया है उस बात को लेकर अगर कोई पॉलिसी है उस पर हम विचार करेंगे। आगे जो हमारी मांगे मानी गई है कि बार-बार हमारी बातचीत हुई है लेकिन अधिकारी बात नहीं सुनते।  हमारा आज तक कोई भी पत्र जारी नहीं हुआ है। हम शिक्षा मंत्री के गृह क्षेत्र में 56 दिन तक धरने पर बैठे थे। 10 दिन तक रोड बंद रहा था। तब आपने जो मांगे मानी थी उस पर कोई भी पत्र जारी नहीं हुआ। उन्होंने भी माना कि समय ज्यादा हो गया है अधिकारियों ने पत्र जारी नहीं किए इसके लिए अधिकारियों से भी बात की जाएगी। मौके पर अधिकारियों से बातचीत की शिक्षा विभाग के अधिकारियों को समय दिया है और एसीएस से बातचीत हुई उनके आश्वासन पर हमने उपवास को खत्म कर रहे है। 5 जुलाई को हमारे प्रतिनिधि मंडल को चंडीगढ़ में बातचीत के लिए बुलाया गया। अब देखना होगा बार-बार कोई वार्ता और आज शिक्षा मंत्री के आश्वासन के बाद क्या गेस्ट टीचर के लिए आगे का कोई रास्ता निकलेगा या फिर इन्हें आंदोलन की राह ही पकड़नी पड़ेगी।