कैथल में किसानों ने रोड जाम कर किया प्रदर्शन...

कैथल में आज की तितरम मोड़ बाई पास पर किसानों ने रोड जाम कर के प्रदर्शन किया इस आंदोलन में आढ़तियों ने मजदूरों ने और विपक्ष के लोगों ने इस आंदोलन का समर्थन किया लगभग 2000 लोग तितरम मोड़ बाई पास पर पहुंचे सरकार के खिलाफ नारेबाजी की धरना प्रदर्शन किया |

कैथल में किसानों ने रोड जाम कर किया प्रदर्शन...

कैथल (विपिन शर्मा) || कैथल में आज की तितरम मोड़ बाई पास   पर किसानों ने रोड जाम कर के प्रदर्शन किया इस आंदोलन में आढ़तियों ने मजदूरों ने और विपक्ष के लोगों ने इस आंदोलन का समर्थन किया लगभग 2000 लोग  तितरम मोड़ बाई पास पर पहुंचे सरकार के खिलाफ नारेबाजी की धरना प्रदर्शन किया प्रशासन ने एहतियात बरतते हुए प्रदर्शनकारियों के साथनरमी बरती  और उन्हें रोड जाम करने से नहीं रोका।

इस बीच में खबर आई कि राज्यसभा में एक विधेयक पारित हो गया है और राज्यसभा कल तक के लिए स्थगित हो गई है किसानों ने इसके खिलाफ भी काफी नारेबाजी की और अपना धरना प्रदर्शन खत्म करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हमने आज यह सांकेतिक रोड जाम किया है अगर सरकार इस पर भी नहीं मानी  तो एक बड़ा जन आंदोलन होगा।

पत्रकार ने पूछा कि राज्यसभा में एक विवेक पारित हो गया है इस पर आपकी प्रतिक्रिया का है तब उन्होंने कहा कि हम उन लोगों से पूछेंगे जिन्हें हमने चुन कर भेजा है कि आप लोगों ने हमारे साथ ऐसा क्यों किया आपने इस विधेयक पर साइन क्यों किए और उन्होंने कहा कि मोदी सरकार जितना भी दबाव डाले हम आखरी दम तक संघर्ष करेंगे और इस कानून को धरातल पर लागू नहीं होने देंगे किसान नेता ने कहा कि यह जो तीन बिल है इसमें से एक बिल कांग्रेस भी अपने समय  में लेकर आई थी हम सभी पार्टियों की फितरत जानते हैं हम आज जो यहां पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं पर जो लड़ाई सरकार से कर  रहे हैं वो किसान के नाते सरकार से लड़ रहे हैं जब यह बिल लोकसभा में रखा गया था तब कांग्रेस को वॉक  आउट की बजाय इसके विरोध में अपना मत देना चाहिए था  और राज्य सभा मैं तो यह लोग लड़ सकते थे।

किसानों ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह जो बिल पास हो रही है यह जो बड़ी पार्टियां हैं कांग्रेस हो या बीजेपी सब बिकती है यह सब पूंजीपतियों की जेब में रहते हैं इनका किसान से कोई लेना देना नहीं है क्षेत्रीय पार्टियों की संख्या वहां थोड़ी है परंतु फिर भी मोदी सरकार कितने दिन किसानों पर जबरदस्ती करेगी किसान इस बिल को किसी भी कीमत पर स्वीकार करने वाले नहीं है यह लोग करोना महामारी का बहाना लेकर किसान को मार नहीं सकते हम आखरी दम तक संघर्ष करेंगे और इन बिलों को धरातल पर लागू नहीं होने देंगे भारत का लोकतंत्र आज खतरे में है मोदी एक तानाशाह है वह कहते हैं कि यह बिल किसानों के लिए लाया गया परंतु एक भी किसान से राय मशविरा नहीं किया गया यह बिल  नहीं किसानों का डेथ वारंट है इसलिए हमें मंडिया चलानी होगी और हम मंडियों को चलाएंगे और आने वाली धान की फसल के समय  धान की खरीद फरोख् पुराने तरीके से ही होगी