हरियाणा में सरपंचों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया

ई टेंडरिंग को लेकर सरपंचों का आना जारी है। सरपंचों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस विरोध के बीच हरियाणा के शिक्षा मंत्री कवरपाल गुर्जर ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ई-टेंडरिंग सरपंचों के हित में है| कहा कि कुछ ही लोग हैं और अधिकांश सरपंच अब समझ गए हैं कि यह सही है।लेकिन अब इसका सिर्फ राजनीतिक विरोध हो रहा है|

हरियाणा में सरपंचों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया

|| Ambala || Kartik Bhardwaj || ई टेंडरिंग को लेकर सरपंचों का आना जारी है। सरपंचों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस विरोध के बीच हरियाणा के शिक्षा मंत्री कवरपाल गुर्जर ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ई-टेंडरिंग सरपंचों के हित में है| कहा कि कुछ ही लोग हैं और अधिकांश सरपंच अब समझ गए हैं कि यह सही है।लेकिन अब इसका सिर्फ राजनीतिक विरोध हो रहा है. इससे पारदर्शिता के साथ काम होगा और पहले के समय में अधिकारियों और ठेकेदारों से विकास कार्यों के बारे में पूछताछ की जाएगी, पहले की तरह सरपंच को कोई परेशानी नहीं होगी। इसके अच्छे परिणाम होंगे और शुभ कार्य होंगे। सरपंचों के विरोध के मुद्दे पर शिक्षा मंत्री कवरपाल गुर्जर ने कहा कि अब विपक्ष कुछ प्रतिशत ही रह गया है और सरपंचों का विरोध नहीं रह गया है, यह राजनीतिक विरोध हो गया है | क्योंकि कई बार जब किसी व्यक्ति को लगता है कि उसे बात बिल्कुल समझ में नहीं आ रही है, तो जो कुछ भी आप चाहते हैं उसे समझाएं।मैं समझता हूं कि आज के समय में यह बात सरपंचों की समझ में आ गई है। मैं कुछ सरपंचों से भी मिला हूं जिन्होंने इसे सही तरीके से स्वीकार किया है। पहले सरपंचों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था।

जब सरपंच बहुत काम करता था, जब उसकी पूछताछ आती थी तो सरपंच को बड़ी मुश्किल होती थी। और अक्सर जिस तरह से गांव में पार्टी खेली जाती है, शिकायतें चलती रहती हैं।सरपंच की ओर से कोई कमी नहीं होनी चाहिए, लेकिन पूछताछ तो पूछताछ है, यह किसी की भी हो सकती है। जब सरपंच बहुत काम करता था, जब उसकी पूछताछ आती थी तो सरपंच को बड़ी मुश्किल होती थी। और अक्सर जिस तरह से गांव में पार्टी खेली जाती है, शिकायतें चलती रहती हैं। सरपंच को उन सभी समस्याओं का सामना करना पड़ता था चाहे किसी ने गलती की हो या नहीं। अब तो आलम यह है कि सरपंच के पास 20 लाख रुपये का अधिकार है। सारा काम सरपंच के मार्गदर्शन में ही होगा।

टेंडर के जरिए काम करेगा। और इसमें मुझे नहीं लगता कि सरपंच को कोई दिक्कत होगी।क्योंकि जब टेंडर के जरिए काम होगा तो टेंडर के बाद की जिम्मेदारी ठेकेदार की होगी। और अगर किसी विकास कार्य की जांच होगी तो वह ठेकेदार या प्रभारी अधिकारी की पूछताछ होगी। अब आपने देखा कि ग्राम पंचायतों में 50% सीटें महिलाओं की हैं।के लिए आरक्षित।पुरुष पूछताछ की चिंता नहीं करते, लेकिन परिवार महिलाओं को लेकर बहुत चिंतित हो जाते हैं। जांच शुरू हो गई है, अब सरपंच किसी भी तरह की पूछताछ से बचेंगे और बेझिझक अच्छा काम करेंगे, अच्छे परिणाम आएंगे।