किसानों को नही मिला अब तक भावांतर भरपाई योजना के तहत राशि, किसान आर्थिक तंगी झेलने को मजबूर

महेंद्रगढ़ क्षेत्र के किसानों का ना तो बाजरा खरीदा गया ना ही अभी तक उन्हें भावांतर भरपाई योजना के तहत राशि मिली है। ऐसी स्थिति में महेंद्रगढ़ क्षेत्र के किसान आर्थिक तंगी झेलने को मजबूर हैं।

किसानों को नही मिला अब तक भावांतर भरपाई योजना के तहत राशि, किसान आर्थिक तंगी झेलने को मजबूर

|| Mahendragarh, Haryana || Aditya Kumar || महेंद्रगढ़ क्षेत्र के किसानों का ना तो बाजरा खरीदा गया ना ही अभी तक उन्हें भावांतर भरपाई योजना के तहत राशि मिली है। ऐसी स्थिति में महेंद्रगढ़ क्षेत्र के किसान आर्थिक तंगी झेलने को मजबूर हैं। महेंद्रगढ़ क्षेत्र के परेशान किसानों ने सांकेतिक धरना दे कर जिला उपायुक्त को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपकर शीघ्र उन्हें उक्त राशि प्रदान कर लाभांवित करने की मांग की है।

समाजसेवी रामनिवास पाटोदा ने बताया कि, महेंद्रगढ़ क्षेत्र के किसानों का ना तो बाजरा खरीदा गया ना ही अभी तक उन्हें भावांतर भरपाई योजना के तहत राशि मिली है। ऐसी स्थिति में महेंद्रगढ़ क्षेत्र के किसान आर्थिक तंगी झेलने को मजबूर हैं। महेंद्रगढ़ क्षेत्र के परेशान किसानों ने सांकेतिक धरना दे कर जिला उपायुक्त को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपकर शीघ्र उन्हें उक्त राशि प्रदान कर लाभांवित करने की मांग की है। किसान समाजसेवी रामनिवास पाटोदा ने बताया कि महेंद्रगढ़ क्षेत्र के किसानों की खरीफ की फसल में बाजरे की प्रमुख फसल है।

इस फसल को सरकार ने एमएसपी पर खरीदने की घोषणा की थी परंतु बीते वर्ष से सरकार क्षेत्र के किसानों का बाजरा खरीदने के मन में नहीं हैं। बीते वर्ष सरकार ने किसानों का बाजरा तो नहीं खरीदा परंतु उन्हें भावांतर योजना के तहत प्रति एकड़ आठ क्वींटल पर प्रति क्वींटल छह सो  रुपए दिए थे। इस बार सरकार ने किसानों से 1900 रुपए प्रति क्वींटल बाजरे की खरीद तथा उन्हें प्रति क्वींटल 450 रुपए भावांतर भरपाई के तहत देने की घोषणा की। इस घोषणा पर अमल भी हुआ और तीन से चार दिन तक 1900 रुपए प्रति क्वींटल बाजरे की खरीद संबंधित एजेंसी द्वारा की गई।

इसके बाद बरसात आने से खरीद प्रक्रिया रोक दी गई जो आज तक शुरू नहीं हो पाई है। इसके बाद किसान अपने बाजरे को औने-पौने दामों में बेचने को मजबूर रहे। सरकार ने उनकी बाजरे की फसल पर 450 रुपए भावांतर भरपाई योजना के तहत देने की घोषणा की थी परंतु वह राशि भी आज तक नहीं मिल पाई है। उन्होंने कहा कि बरसात के कारण भी क्षेत्र के किसानों की बाजरे की फसल खराब हो गई थी परंतु आज तक खराब फसल को लेकर भी मुआवजा राशि देने को लेकर कोई कदम नहीं उठाए गए। उन्होंने कहा कि राजस्थान से स्टे दक्षिणी हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले से सरकारें भेदभाव करती रही है और अब खरीद प्रक्रिया व मुआजा देने में भी सरकार की उदासीनता दर्शा रही है कि इस सरकार को भी दक्षिणी हरियाणा से कोई सरोकार नहीं हैं।

जिला उपायुक्त डॉ जेके आभीर ने बताया कि हमें रिकॉर्ड देखना पड़ेगा क्योंकि 2020 का यह मामला बता रहे हैं और उसके अंदर खराबा कितने प्रतिशत है इनके कागजों के हिसाब से तो 50% कम दिखा रखा है और जैसा कि यह किसान खुद बता रहे हैं कि उनकी बाजरे की भावांतर भरपाई की एक की आई है और जो बाकी बची हुई है वह भी जल्द आ जाएगी  डिपार्टमेंट ने भी कहा है कि शायद 15 जनवरी तक एक किस्त और भी आ सकती है और हम इनकी परेशानियों को समझ चुके हैं और जल्द से जल्द इसका समाधान करवाया जाएगा।